मांझी ने कहा, विलय के बाद सबसे पहले नीतीश के नाम का मैं करूंगा प्रस्ताव
नीतीश कुमार को कप्तान और अपने को टी 20 का खिलाड़ी बतानेवाले मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सोमवार को फिर चौंकाया. सीएम पद से हटाये जाने की तमाम अटकलों के बीच रविवार को नीतीश कुमार ने कहा था कि मांझी को हटाया जाना एजेंडे में ही नहीं है. इसके एक दिन बाद मांझी बोले, नीतीश […]
नीतीश कुमार को कप्तान और अपने को टी 20 का खिलाड़ी बतानेवाले मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सोमवार को फिर चौंकाया. सीएम पद से हटाये जाने की तमाम अटकलों के बीच रविवार को नीतीश कुमार ने कहा था कि मांझी को हटाया जाना एजेंडे में ही नहीं है. इसके एक दिन बाद मांझी बोले, नीतीश कुमार को सीएम बनाने का प्रस्ताव मैं खुद रखूंगा.उनके इस बयान के बाद ही ऊपरी तौर पर दोनों के संबंध सामान्य दिख रहे हैं, वहीं राजनीतिक समीक्षकों को एक बार फिर दिमागी गुणा-भाग करने का मौका मिल गया है. दूसरी ओर मानहानि केस में राबड़ी देवी व राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के बीच सुलह के साथ ही राजद-जदयू ने विलय की ओर एक ओर कदम बढ़ाया है.
पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सोमवार को कहा कि जदयू-राजद समेत छह दलों के मजर्र के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी पार्टी की ओर से सबसे पहले मैं नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव दूंगा. नीतीश कुमार जदयू की ओर से प्रबल दावेदार होंगे. हालांकि, देश-काल, परिस्थितियों के अनुसार जिस नाम पर सभी दल मुहर लगायेंगे, वही मुख्यमंत्री होगा. जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सभी दलों के विलय के बाद विधायक दल की बैठक होगी और नये नेता का चुनाव होगा. नीतीश कुमार की तरफदारी करते हुए कहा कि वह बेहतर मुख्यमंत्री रहे हैं.
उन्होंने अपने आप को साबित किया है. बिहार को बीमारू राज्य से बाहर निकाला है. उनसे बढ़िया कोई मुख्यमंत्री हो भी नहीं सकता है, लेकिन वह खुद (जीतन राम मांझी) जिस कौम से आते हैं, उनके मुख्यमंत्री बनने से उस समाज के लोगों में अपेक्षाएं बढ़ी हैं. अहम भावनाएं जगी हैं कि हमारी जात का आदमी मुख्यमंत्री है. लोगों को लग रहा है कि महादलित वर्ग से सीएम बने, तो अच्छा होगा. भाजपा की दलित वोट पर नजर होने का इशारों में चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुङो फक्र है कि मेरे मुख्यमंत्री बनने से दूसरे लोग इस समाज पर जो पंजा मार रहे थे, वह रुक गया है. सब समझ रहे हैं कि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी उनके साथ हैं.
75 } उपस्थिति अर्थमेटिक का सिद्धांत नहीं
स्कूली बच्चों को छात्रवृत्ति की राशि देने के लिए 75 फीसदी की उपस्थिति की अनिवार्यता कोई अर्थमेटिक का सिद्धांत तो है नहीं. यह तो सामाजिक सिद्धांत है. देखना है कि योजनाओं का अधिक-से-अधिक बच्चों को लाभ मिल रहा है या नहीं. स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने के लिए 75 फीसदी का टारगेट रखा गया था. इससे उपस्थिति तो बढ़ी है, लेकिन योजनाओं का लाभ सभी को नहीं मिल पा रहा है. एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान और आद्री से सर्वे कराया गया. इनकी रिपोर्ट में साफ है कि एससी-एसटी के 50 फीसदी बच्चे छात्रवृत्ति से वंचित रह जा रहे हैं. साथ ही स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने में छात्रवृत्ति का योगदान नहीं है. समय और परिस्थिति के अनुसार बदलाव जरूरी होता है. मैं नीतीश कुमार की बात को काट नहीं रहा हूं. नीतीश कुमार ने प्रयोग किया था, उसमें सफलता भी मिली. इसमें कुछ बुराइयां आ गयी हैं. इसके कारण स्कूल में तालाबंदी, सड़क जाम, आगजनी समेत तोड़फोड़ हो रही है. अब उसे दूर करने के लिए उस पर पुनर्विचार की आवश्यकता है.
एससी-एसटी अफसरों के साथ नयी नहीं थी बैठक
मुख्यमंत्री ने कहा कि एससी-एसटी अधिकारियों के साथ मैंने कोई नयी बैठक नहीं की. उनके साथ यह चौथी बैठक थी. इससे पहले नीतीश कुमार भी बैठक करते थे. मैं तो उनके रास्ते पर चल रहा हूं. पता नहीं जितनी चर्चा इस समय हो रही है, उस समय हुई थी या नहीं? सीएम ने कहा कि यह बैठक सिक्रेट थी. इसमें किसी कर्मी ने बताया कि उनके प्रमोशन में गड़बड़ी हुई है. किसी के तबादले में भेदभाव हुआ है. किसी पर मुकदमा हुआ, तो वह फंस गया और उसी केस में दूसरे छूट गये हैं. ऐसी बातों को क्या मैं सार्वजनिक करता. सभी मामलों और समस्याओं की जांच की जायेगी. हमारा समाज हमारी बॉडी है. एससी-एसटी, महादलित सबसे पीछे हैं. उन्हें बढ़ायेंगे. जब हाथ में चोट लगी है, तो शरीर के दूसरे हिस्से का ऑपरेशन नहीं होगा.
नरेंद्र मोदी का समर्थन नहीं, करेंगे स्वागत
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत की बात कांटी थर्मल पावर से ही कर रहा हूं. अगर वह बिहार की मांग को पूरी कर देते हैं, तो उनका समर्थन नहीं, हाथ बढ़ा कर स्वागत करेंगे और धन्यवाद दूंगा. इसमें पीछे नहीं हटूंगा. मांगों को लेकर मैं प्रधानमंत्री से मिला था और मिलने के लिए समय की मांग कर रहा हूं. इसके बाद बिहार के बकाया 20 हजार करोड़ रुपये मिल सकेंगे. अगर प्रधानमंत्री सहानुभूति जता दें, तो वह राशि मिल सकेगी. इससे टोला सेवक, रसोइया, ममता, विकास मित्र, आशा, नियोजित शिक्षक सभी की मांगें पूरी हो जायेंगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह, समाज कल्याण मंत्री लेसी सिंह, खाद्य व प्रसंस्करण मंत्री श्याम रजक, श्रम संसाधन मंत्री दुलाल चंद गोस्वामी मौजूद थे.
नेताओं के भी रिटायरमेंट की तय हो उम्रसीमा
सीएम ने कहा कि नेताओं के भी रिटायरमेंट की उम्रसीमा तय होनी चाहिए. नेताओं या सामाजिक कार्यकर्ताओं को 70 -75 साल की उम्र तक ही पॉलिटिक्स में रहना चाहिए. यह मेरी व्यक्तिगत राय है. मेरी उम्र 70 वर्ष के करीब हो चुकी है. मैं 70 फीसदी मान चुकाहूं कि मुङो चुनाव नहीं लड़ना चाहिए, लेकिन 30 फीसदी राजभाव, लोगों के प्यार व समर्थन के लिए एकाध चुनाव लड़ सकता हूं.
नीतीश बोले, नयी पार्टी तय करेगी नेता
पटना. पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पुराना जनता दल परिवार के विलय के बाद नयी पार्टी तय करेगी, उसका कौन होगा नेता. नेता का चुनाव नयी पार्टी करेगी. पार्टी स्वामी विवेकानंद जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने यह कहा. हालांकि, उन्होंने तमाम प्रश्नों का सिर्फ इतना ही जवाब दिया और किसी तरह की अटकलों को खारिज कर दिया. मालूम हो कि रविवार को दिल्ली से पटना लौटने पर नीतीश कुमार ने कहा था कि मांझी को बदलने का कयास अनावश्यक है.