पटना: छपरा मिड डे मील हादसा के बाद बच्चों में दहशत फैलाने की घटना की बाढ़ आ गयी है. कई स्कूलों के चापाकल व मिड डे मील में कीटनाशक डालने के मामले सामने आ रहे हैं. आखिर इसके पीछे असामाजिक तत्वों की क्या मंशा है? उनकी मंशा जो भी हो, लेकिन नुकसान तो बच्चों का हो रहा है. स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम हो गयी है.
शिक्षक व रसोइया भयभीत हैं. अभिभावक कलेजे पर हाथ रख कर बच्चों को स्कूल भेज रहे है. सीवान के दरौंदा प्रखंड के बगौरा के मध्य विद्यालय के शिक्षक मिथिलेश कुमार कहते हैं कि बच्चों ने कुछ अजनबियों को चापाकल के पास देखा था. वे गांव के होते तो बच्चे उन्हें पहचान जाते. बगौरा के ग्रामीणों का कहना है कि दहशत से बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं. कहते हैं कि इसके पीछे ग्रामीण इलाकों में दहशत फैलाने व योजना को बंद कराने की साजिश लगती है. शरारती तत्वों का उद्देश्य सरकार को बदनाम व दहशत फैलाना लगता है.
मध्य विद्यालय चेतन छपरा के प्रधानाध्यापक राजेश राय ने बताया कि शनिवार को विद्यालय में पोशाक राशि वितरित की गयी थी. इससे कुछ बच्चे वंचित रह गये थे. 75 फीसदी उपस्थिति पर ही पोशाक राशि वितरित की जानी थी. इस पर कुछ अभिभावक व महिलाएं उग्र हो गयीं. सोमवार को जब स्कूल पहुंचे तो 14 तालों में अलकतरा डाला हुआ था. ग्रामीणों का कहना है कि चापाकल के समीप चूहा मारने की दवा फेंकी हुई थी.