जमीन के पचड़े में फंसे आंगनबाड़ी केंद्र

पटना: पटना जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों के अपने भवन का सपना दूर की कौड़ी बन गयी है. सरकार ने तय किया था कि इस वर्ष कम-से-कम 300 के आसपास केंद्र का भवन बन जाये, लेकिन न जमीन मिली और न ही इस संबंध में कोई वैकल्पिक पहल ही शुरू हो सकी. अब पूरी योजना की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2015 5:59 AM
पटना: पटना जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों के अपने भवन का सपना दूर की कौड़ी बन गयी है. सरकार ने तय किया था कि इस वर्ष कम-से-कम 300 के आसपास केंद्र का भवन बन जाये, लेकिन न जमीन मिली और न ही इस संबंध में कोई वैकल्पिक पहल ही शुरू हो सकी. अब पूरी योजना की सफलता पर प्रश्नचिह्न् उठ रहे हैं. केंद्र का निर्माण अभी तक शुरू भी नहीं हो सका है.
इस वित्तीय वर्ष में जिले में कुल 299 आंगनबाड़ी केंद्र बनने थे, लेकिन इनमें से पांच फीसदी केंद्र का निर्माण होना भी मुश्किल लग रहा है. इसका मुख्य कारण जमीन की अनुपलब्धता के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा अड़ंगा डालना भी है. जमीन की कमी के कारण जिले के विभिन्न अंचलों के अंचलाधिकारी जमीन उपलब्ध करा पाने में सक्षम नहीं हो रहे हैं और इसके कारण चालू वर्ष का लक्ष्य पूरा होना नामुमकिन दिखायी दे रहा है. इसके साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि मुखिया, नगर पार्षद और जिला परिषद सदस्यों ने केंद्र के लिए नाली और गली निर्माण का लिखित आश्वासन चाह रहे हैं.
केवल 15 को हरी झंडी
उप विकास आयुक्त कार्यालय को अंचलों से जो रिपोर्ट मिली है, उसके मुताबिक 17 केंद्रों के निर्माण के लिए जमीन मिल चुकी है. इनमें से दो पर कुछ जनप्रतिनिधियों ने पेच डाल दिया है यानी 15 केंद्र के निर्माण के लिए जमीन पर हरी झंडी प्राप्त हुई है. एक केंद्र के निर्माण के लिए चार डिसमिल जमीन की आवश्यकता होती है,जो 15 केंद्रों को मिल गयी है. विवाद की स्थिति और वित्तीय वर्ष समाप्त होने में ढाई महीने का समय शेष देख कर सभी केंद्रों पर काम शुरू करने का आदेश दिया गया है.
तलाश जारी है
डीडीसी डॉ राजीव कुमार ने बताया कि जिन केंद्रों को जमीन मिल चुकी है. उनका जल्द ही निर्माण शुरू होगा. सभी सीओ की बैठक बुलायी गयी. प्रक्रिया को जल्द पूरा करते हुए निर्माण शुरू करने का निर्देश दिया गया. अन्य अंचलों में भी जमीन की तलाश जारी रहेगी. विवाद को निबटाने के लिए प्रयास भी हो रहे हैं. जमीन मिलते ही भवन निर्माण शुरू कर दिया जायेगा.

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