अवैध निर्माण पर कार्रवाई का नतीजा है निगरानी कोर्ट में शिकायत : आयुक्त
पटना: निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण पर नगर आयुक्त की ओर से कार्रवाई की जा रही है. इस कार्य को अवरुद्ध करने के लिए विभिन्न तरह से प्रयास किया गया. इसी का परिणाम है निगरानी न्यायालय में नगर आयुक्त व निगम पदाधिकारियों के विरुद्ध वित्तीय अनियमितता की शिकायत की गयी है. यह पूरी तरह फर्जी […]
पटना: निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण पर नगर आयुक्त की ओर से कार्रवाई की जा रही है. इस कार्य को अवरुद्ध करने के लिए विभिन्न तरह से प्रयास किया गया. इसी का परिणाम है निगरानी न्यायालय में नगर आयुक्त व निगम पदाधिकारियों के विरुद्ध वित्तीय अनियमितता की शिकायत की गयी है. यह पूरी तरह फर्जी है.
शिकायत से संबंधित परिवाद पत्र की छाया प्रति उपलब्ध कराया जाये, ताकि उठायी गयी बिंदुओं पर जवाब दिया जा सकें. नगर आयुक्त ने बुधवार को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के निदेशक को पत्र लिखा है, जिसमें कहा है कि शिकायतकत्र्ता वार्ड पार्षद आभा लता व गवाह बने महापौर कई मंचों पर शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कहीं लाभ नहीं मिला.
वहीं मेयर अफजल इमाम ने निदेशक को लिखे गये पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि निलंबित नगर आयुक्त निगरानी जांच से डर क्यों रहे हैं. जांच से सच्चई सामने जा जायेगी. निगरानी कोर्ट में शिकायत की गयी है, जिसमें वर्ष 2010 से अब तक निगम में हुई वित्तीय अनियमितता की बात कही गयी है. इसमें नगर आयुक्त परेशान है ंऔर तरह तरह के हथकंडा अपना रहे हैं.
स्वार्थी तत्वों ने मामले को है दबाया : नगर आयुक्त ने निगरानी ब्यूरो के निदेशक को लिखे पत्र में कहा है कि वर्ष 2012 में कई अनियमितताएं निगम में हुईं. इसकी जांच के लिए नगर आवास विकास विभाग को छह जनवरी, 2014 व 14 जनवरी, 2014 को प्रतिवेदन भेजा गया, जिस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इसके साथ ही 11 मार्च, 2014 को अवैध निर्माण को रोकने के लिए सुझाव व निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा चिह्न्ति नक्शे पर कार्रवाई को लेकर विभाग से अनुरोध किया गया. लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. इसका कारण है कि नगर आवास विकास विभाग में स्वार्थी तत्वों द्वारा प्रतिवेदन को दबाया गया है, ताकि निजी स्वार्थ पूरा किया जा सके.
जांच से क्यों डर रहे नगर आयुक्त : मेयर अफजल इमाम ने कहा कि निलंबित नगर आयुक्त खुद फर्जी तरीके से निगम कार्यालय में आ कर बैठ रहे हैं और वित्तीय अनियमितता की शिकायत को फर्जी बता रहे हैं. अगर निगरानी जांच हो रही है, तो उन्हें परेशानी क्यों है. हमने निलंबित नगर आयुक्त के कार्यकाल की जांच नहीं करने की शिकायत की है, बल्कि हमने अपने पूरे कार्यकाल की जांच करने की शिकायत की है. वित्तीय अनियमितता की दोषी जांच के बाद ही पता चलेगा. इससे पहले ही स्वयं जांच के घेरे में हैं निलंबित नगर आयुक्त और जांच टीम को निर्देश दे रहे हैं.
दूसरे दिन भी निगरानी की टीम पहुंची निगम
निगरानी कोर्ट के निर्देश के आलोक में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम दूसरे दिन बुधवार को भी निगम मुख्यालय पहुंची. सबसे पहले अपर नगर आयुक्त(राजस्व) के कार्यालय गयी. उनके नहीं मिलने पर अपर नगर आयुक्त(सफाई व योजना) शीर्षत कपिल अशोक के कार्यालय में पहुंची. करीब 15 मिनटों तक बंद कमरे में बात हुई. इसके बाद शीर्षत कपिल ने निगरानी टीम के सदस्यों को नगर आयुक्त कुलदीप नारायण के कार्यालय में लाया. नगर आयुक्त से बंद कमरे में करीब डेढ़ घंटे तक बात हुई. इसके बाद निगरानी की टीम लौट गयी. निगरानी की टीम दो दिनों से निगम मुख्यालय का चक्कर लगा रही है.