विधानसभा की दर्जन भर से अधिक कमेटियों की बैठक -सं
दिन भर चला अटकलबाजियों का दौरसंवाददाता, पटनाविधानसभा की दर्जन भर से अधिक समितियों की शुक्रवार को हुई बैठक को लेकर अटकलबाजियों का जोर रहा. चूंकि पहली बार ऐसा हुआ था कि अधिसंख्य समितियों की बैठक एक ही दिन रखी गयी थी. समितियों की बैठक को भी राजद-जदयू के मिलन से जोड़ कर देखने का बाजार […]
दिन भर चला अटकलबाजियों का दौरसंवाददाता, पटनाविधानसभा की दर्जन भर से अधिक समितियों की शुक्रवार को हुई बैठक को लेकर अटकलबाजियों का जोर रहा. चूंकि पहली बार ऐसा हुआ था कि अधिसंख्य समितियों की बैठक एक ही दिन रखी गयी थी. समितियों की बैठक को भी राजद-जदयू के मिलन से जोड़ कर देखने का बाजार दिन भर गरम रहा. यह चर्चा रही कि एक ही दिन अधिसंख्य समितियों की बैठक बुला कर विधायकों से किसी खास कागज पर हस्ताक्षर कराये जायेंगे. विधानसभा में शुक्रवार को दोपहर से ही विधायकों का आना-जाना शुरू हो गया. जो विधायक जिस कमेटी के सदस्य थे, उसमें शामिल होकर निकलते चले गये. इन अफवाहों के बीच विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी शाम तक विधानसभा नहीं पहुंचे. किसी कमेटी की बैठक आधा घंटा, तो किसी की दो-चार घंटे तक चली. कमेटियों में रखे गये एजेंडे के अनुसार संबंधित विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए. दिन में दोपहर तक जब विधायक निकलने लगे, तो तसवीर साफ हो गयी कि चर्चा निराधार है. किसी भी विधायक से किसी खास पत्र पर हस्ताक्षर नहीं कराये गये. जानकारों के अनुसार विधानसभा की कमेटियों की बैठक तो सामान्य बात है. इसका निर्धारण समितियों के चेयरमैन करते हैं. कमेटियों से संबंधित विभागों को इसकी सूचना दी जाती जिससे पदाधिकारी शामिल होकर जवाब दे सकें. समितियों की बैठक हर माह कम-से-कम तीन बार होना आवश्यक है. इसमें कोई नयी बात नहीं है. नयी बात यह हो गयी कि अधिसंख्य कमेटियों की बैठक एक ही दिन आहूत कर दी गयी. इससे यह चर्चा गरम हो गयी कि सरकार ने किसी नीति या खास मकसद के तहत सभी विधायकों को पटना बुलाया है.