पटना -बक्सर फोरलेन का निर्माण जून से

पटना: पटना-बक्सर फोरलेन का काम जून में शुरू होगा. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. मार्च में बिडिंग फाइनल कर ली जायेगी. इसके बाद तय एजेंसी द्वारा एक से डेढ़ माह में बाकी और प्रक्रिया की पूरी जायेगी. वहीं, पटना-गया-डोभी सड़क बनाने का काम फरवरी में शुरू होगा. सड़क बनाने का काम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2015 6:31 AM
पटना: पटना-बक्सर फोरलेन का काम जून में शुरू होगा. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. मार्च में बिडिंग फाइनल कर ली जायेगी. इसके बाद तय एजेंसी द्वारा एक से डेढ़ माह में बाकी और प्रक्रिया की पूरी जायेगी. वहीं, पटना-गया-डोभी सड़क बनाने का काम फरवरी में शुरू होगा. सड़क बनाने का काम आइएलएफएस एजेंसी करेगी.

एजेंसी ने सड़क बनाने के लिए कैंप स्थल का चयन किया है. पटना-डोभी के बीच 127 किलोमीटर का निर्माण होगा. पटना-बक्सर व पटना-डोभी सड़क बनाने का काम एनएचएआइ को कराना है. फोरलेन का काम नेशनल हाइवे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट- 3 के तहत होना है.

एनएचएआइ के क्षेत्रीय कार्यालय के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि पटना-बक्सर फोरलेन के काम के लिए नये सिरे से तैयारी शुरू की गयी है. एजेंसी के चयन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गयी है. मार्च तक एजेंसी का चयन हो जायेगा. सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जून तक काम शुरू होने की संभावना है. सूत्र ने बताया कि पटना-बक्सर फोरलेन का काम तीन चरण में होगा. यह सड़क एनएच-30 व एनएच-84 का हिस्सा है. पटना-बक्सर फोरलेन का मामला तीन वर्षो से अटका है.
एनएचएआइ के क्षेत्रीय कार्यालय के नये प्रस्ताव के अनुसार यह कंक्रीट का बनना है. फोरलेन के लिए वर्ष 2012 में टेंडर निकाल कर निर्माण कंपनी तय हुई थी. लेकिन कंपनी द्वारा निर्माण कार्य में दिलचस्पी नहीं दिखाये जाने से काम वापस ले लिया गया. पटना-डोभी सड़क बनाने के लिए एजेंसी आइएलएफएस का चयन किया गया है. सड़क निर्माण पर 1248 करोड़ खर्च होने की संभावना है.
एलायनमेंट को लेकर हो सकती है समस्या
पटना-बक्सर फोरलेन के काम में एलायनमेंट को लेकर समस्या हो सकती है. इसके निर्माण पर एलायनमेंट को लेकर हाल ही में विवाद खड़ा हुआ था. बिहटा के आसपास कुछ लोग राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत एलायनमेंट को मान रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं. सड़क निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए राशि भुगतान की प्रक्रिया जारी है, जबकि कुछ लोग जमीन की ऊंची कीमत देख कर अपनी जमीन पर सड़क निर्माण होने में अड़ंगा खड़ा कर रहे हैं. सड़क निर्माण के लिए अब वे अपनी जमीन नहीं देना चाह रहे हैं या जमीन अधिग्रहण करने पर वर्तमान रेट की मांग हो रही है. एनएचएआइ के क्षेत्रीय कार्यालय के आधिकारिक सूत्र का कहना है कि सड़क निर्माण का प्रस्ताव राज्य सरकार तय करती है. सरकार द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव पर एनएचएआइ आगे का काम करती है. एलायनमेंट की समस्या को दूर कर लिया जायेगा.

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