ऊपर से डांट पड़ी, तो पलटे मनोज तिवारी

नयी दिल्ली : भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने सोमवार को पहले यह कह कर किरण बेदी के नेतृत्व में दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने का विरोध किया कि हमें थानेदार नहीं, नेता चाहिए. लेकिन, बाद में जब पार्टी नेतृत्व ने उनके बयान को संज्ञान में लिया और नाराजगी जतायी, तो उन्होंने अपना सुर बदल दिया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2015 9:03 PM

नयी दिल्ली : भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने सोमवार को पहले यह कह कर किरण बेदी के नेतृत्व में दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने का विरोध किया कि हमें थानेदार नहीं, नेता चाहिए. लेकिन, बाद में जब पार्टी नेतृत्व ने उनके बयान को संज्ञान में लिया और नाराजगी जतायी, तो उन्होंने अपना सुर बदल दिया. श्री तिवारी ने कहा कि मैं किरन बेदी से नाराज नहीं हूं. बेदी का पार्टी में स्वागत है. वह हमारी नेता हैं. चुनाव के बाद उनके साथ मिल कर हम सब भाजपा की सरकार बनायेंगे. किरण बेदी ने रविवार को अपने आवास पर भाजपा के सांसद व प्रमुख नेताओं को बुलाया था, जिसमें नॉर्थ इस्ट दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी नहीं गये थे. इसके पीछे उनकी नाराजगी बात सामने आयी थी. सोमवार को जब इस संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि किरन बेदी की बैठक में मैं इसलिए नहीं गया कि हमारे नेता ने नहीं बुलाया था. अन्य सवालों के जबावों में उन्होंने कहा कि किरन बेदी पार्टी में सिर्फ कार्यकर्ता हैं और उन्हें इसी तरह से व्यवहार करना चाहिए. कुछ दिन पहले उन्होंने जिस तरीके से पार्टी कार्यकर्ताअरं से बात की, वह मुझे ठीक नहीं लगा. मैं वहां नहीं था, लेकिन मुझे कार्यकताअरं से यह बात पता चली है. उन्हें विनम्र रहना चाहिए, क्योंकि उन्हें पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर लाया गया है. वह अभी तक सीएम कैंडिडेट नहीं हैं. बताया जाता हे कि इसके बाद पार्टी नेतृत्व ने उनके बयान पर नाराजगी जतायी और तिवारी को अपने बयान पर सफाई देने के लिए कहा.

Next Article

Exit mobile version