फर्जी टीइटी सर्टिफिकेट के साथ चार पकड़े गये

पटना: बिहार में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया शुरू होते ही फर्जी दस्तावेज के माध्यम से गड़बड़ी करनेवाले गिरोह भी सक्रिय हो गये हैं. ऐसे ही एक गिरोह का खुलासा पुलिस ने किया है. पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत चार जालसाजों को गांधी मैदान पुलिस ने एक्जीबिशन रोड स्थित एशियन होटल में छापेमारी कर पकड़ा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 21, 2015 7:27 AM
पटना: बिहार में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया शुरू होते ही फर्जी दस्तावेज के माध्यम से गड़बड़ी करनेवाले गिरोह भी सक्रिय हो गये हैं. ऐसे ही एक गिरोह का खुलासा पुलिस ने किया है. पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत चार जालसाजों को गांधी मैदान पुलिस ने एक्जीबिशन रोड स्थित एशियन होटल में छापेमारी कर पकड़ा है.

इन लोगों के पास से बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा जारी बिहार एलिमेंट्री टीचर इलिजिबिलिटी टेस्ट (टीइटी) के छह फर्जी रिजल्ट कार्ड समेत सात मोबाइल फोन, तीन लाख नकद, आवेदन प्रपत्र, एटीएम, पासबुक व अन्य दस्तावेज बरामद किये गये हैं. पकड़े गये लोगों में धर्मेद्र कुमार (शाहजहांपुर, मकसूदपुर), गिरीश कुमार (नालंदा), अजय कुमार सिन्हा (भगवानपुर, नालंदा) व रवींद्र यादव (काशीचक नालंदा) शामिल हैं. गिरोह हर उम्मीदवार से टीइटी के रिजल्ट देने के नाम पर एक लाख रुपये लेता था. वहीं, बरामद सर्टिफिकेट रजनी कुमारी, सुलेखा कुमारी, रजनीकांत कुमार, रीना कुमारी, नीलाभ कुमार व निगम कुमारी के नाम से हैं, जिन पर वर्ष 2012 पिंट्र है.

गिरफ्तार जालसाजों में धर्मेद्र, अजय व रवींद्र यादव सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं, जबकि गिरीश की नालंदा के कमरूद्दीन गंज में स्टेशनरी की दुकान है. धर्मेद्र सरगना है और यह पटना के मीठापुर विवेकानंद मध्य विद्यालय में स्थायी सरकारी शिक्षक है. इसी तरह अजय कुमार सिन्हा परवलपुर नालंदा स्थित बड़ी मठ हाइस्कूल में नियोजित शिक्षक है. इसी प्रकार रवींद्र यादव नालंदा में आरबी हाइस्कूल में शिक्षक है. सिटी एसपी (मध्य) शिवदीप वामन लांडे ने बताया कि बरामद सभी रिजल्ट कार्ड फर्जी हैं. ये लोग शिक्षक नियोजन में लोगों से पैसे लेकर पात्रता परीक्षा के रिजल्ट कार्ड में नंबर बढ़वाने के साथ ही फर्जी कार्ड दे कर पैसे ऐंठने का काम करते थे. उन्होंने बताया कि चारों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है.
पुलिस ने उम्मीदवार बन की पुष्टि, फिर मारा छापा
सिटी एसपी (मध्य) शिवदीप वामन लांडे को गुप्त सूचना मिली कि शिक्षक नियोजन में फर्जी सर्टिफिकेट के माध्यम से नौकरी दिलाने के लिए एक गिरोह सक्रिय है और वे लोग एक्जीबिशन रोड स्थित एशियन होटल के कमरा संख्या 303 व 312 में ठहरा हुए हैं. सिटी एसपी ने गांधी मैदान थानाध्यक्ष आरके शर्मा को सत्यापन करने की जिम्मेवारी दी. थानाध्यक्ष ने एक सिपाही को वहां उम्मीदवार बना भेजा और पात्रता परीक्षा का रिजल्ट कार्ड देने की बात कही. इस पर एक लाख में सौदा तय हुआ और फिर उसी वक्त छापेमारी कर चारों को पकड़ लिया गया.
इस तरह होता है गोरखधंधा
यह गिरोह किसी को भी एक लाख लेकर पात्रता परीक्षा के रिजल्ट कार्ड को दे देता है. अधिक नंबर होने के कारण शिक्षक नियोजन में उक्त उम्मीदवार पास हो जाता है और फिर नियुक्ति पत्र भी हासिल कर लेता है. जांच के बाद जब सर्टिफिकेट फर्जी होता है, तो उम्मीदवार खुद कुछ कहने की स्थिति में नहीं होता है और ऐसे में पैसा वसूलना तो दूर, वे खुद कानूनी पचड़े में फंस जाते हैं. इस तरह गिरोह को कुछ नहीं होता है.
बोर्ड ने सर्टिफिकेट को बताया फर्जी
धर्मेद्र के पास से एक लाख 24 हजार, अजय सिन्हा के पास से एक लाख छह हजार व अन्य दोनों के पास से 70 हजार बरामद किये गये. पहले तो उन लोगों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार नहीं की और पुलिस को यह बताया कि वे लोग बिजनेस के सिलसिले में रुके थे और पैसा सही है. इन पैसों को उन लोगों ने बैंक से निकाला था, लेकिन उससे संबंधित कागजात पुलिस के समक्ष उपस्थित नहीं कर पाये. इसके बाद पुलिस ने जब उन लोगों के पास से बरामद रिजल्ट कार्ड का बोर्ड ऑफिस से सत्यापन कराया तो वह फर्जी निकला. जालसाजों के पास से पुलिस ने जो रिजल्ट कार्ड बरामद किये हैं, उनके पेपर की क्वालिटी एकदम वास्तविक रिजल्ट कार्ड की तरह ही है. इसके कारण पुलिस को शक है कि बोर्ड ऑफिस के कुछ कर्मचारी भी इन जालसाजों से मिले हुए हैं.

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