पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील मोदी ने दावा किया है कि जदयू के 50 विधायक उनके संपर्क में हैं और वे कभी भी पाला बदलने को तैयार हैं. अपने सरकारी आवास 1, पोलो रोड पर मंगलवार को जनता दरबार के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि भाजपा चाहे तो आज मांझी सरकार को गिरा सकती है. लेकिन, हम ऐसा नहीं करेंगे.
हम तोड़ने में नहीं, जोड़ने में विश्वास करते हैं. मोदी का बयान ऐसे समय में आया है, जब पूर्व सांसद साधु यादव के घर भोज में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के शामिल होने पर जदयू में बवाल मचा है.
मोदी ने कहा कि मांझी अपनी कुरसी बचाने में लगे हैं, तो नीतीश कुमार उन्हें बेदखल करने में. नीतीश कुमार इस जुगाड़ में लगे हैं कि मांझी मैदान छोड़ने को बाध्य हो जायें और इस्तीफा दे दें. ताज्जुब की बात तो यह है कि जदयू अपनी ही सरकार को अपदस्थ करने और सीएम को हटाने में लगा है. जदयू के दो प्रवक्ता खुद नहीं, बल्कि नीतीश कुमार के इशारे पर मांझी के खिलाफ बयान दे रहे हैं. उलटे नीतीश कुमार आरोप लगा रहे हैं कि यह सारा गेम प्लान भाजपा का है, जबकि सच यह है कि यह गेम प्लान उनका है.
खुद विलीन हो रहा जदयू : मोदी के कहा कि भाजपा को जदयू को तोड़ने की कोई जरूरत नहीं है. वहां से कई विधायक, विधान पार्षद, पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता इधर आने को बेताव हैं. जदयू के 18 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. आठ पर कार्रवाई भी हुई. भाजपा कभी तोड़ने में विश्वास नहीं करती. तोड़ने का काम नीतीश कुमार करते रहे हैं. लोजपा, राजद और भाजपा के विधायकों को किसने तोड़ा, क्या यह किसी से छुपा है? नीतीश कुमार आज दूसरे को नसीहत दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जदयू को खत्म करने की जरूरत कहां है? वह तो खुद राजद में विलीन हो रहा है. जदयू भाजपा के साथ 10 वर्षो तक रही. भाजपा से उन्होंने कम ही सीखा. जो सीखा उसका असर यह है कि जदयू ट्रेनिंग कैंप लगा रहा है. लेकिन, भाजपा कार्यकर्ताओं की तरह जदयू अपने कार्यकर्ताओं में स्प्रीट कहां से लायेगा? उन्होंने कहा कि समाजवाद दुनिया से खत्म हो गया, अब नीतीश कुमार और लालू प्रसाद समाजवाद का नारा दे रहे हैं.