केंद्रीय राशि खर्च करने में लाएं तेजी : रामकृपाल

पटना: केंद्रीय राज्यमंत्री रामकृपाल यादव ने सीएम जीतन राम मांझी से मिल संसदीय क्षेत्र की समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया. उनसे समस्याओं के निराकरण के लिए कार्रवाई का आग्रह किया. इसके अलावा पेयजल व स्वच्छता के मद में केंद्र सरकार से मिलनेवाली राशि को खर्च करने में तेजी लाने के लिए कहा. सरैया घटना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 21, 2015 7:33 AM
पटना: केंद्रीय राज्यमंत्री रामकृपाल यादव ने सीएम जीतन राम मांझी से मिल संसदीय क्षेत्र की समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया. उनसे समस्याओं के निराकरण के लिए कार्रवाई का आग्रह किया. इसके अलावा पेयजल व स्वच्छता के मद में केंद्र सरकार से मिलनेवाली राशि को खर्च करने में तेजी लाने के लिए कहा. सरैया घटना की निंदा करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग सीएम से की है. रामकृपाल ने कहा कि जिस तरह से सीएम पद की गरिमा को सरेआम उछाला जा रहा है. इससे बिहार का नाम खराब हो रहा है.
क्षेत्र की समस्याओं से कराया अवगत : उन्होंने मसौढ़ी की वेर्रा पंचायत में दरघा नदी पर बांध निर्माण, नरसोपुर, दरियापुर व पालीगंज प्रखंड के समदा में पुल निर्माण, दानापुर नगर पर्षद इलाके में जल जमाव से विमुक्ति के लिए ड्रेनेज व सिवरेज निर्माण कार्य का अनुरोध किया. शहीद विजय कुमार राय के गांव आनंदपुर ठेकहा बिहटा में विद्यालय व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण, उलार मंदिर को पर्यटन के विश्व मानचित्र पर लाने के लिए हर साल उलार महोत्सव मनाने, पटना जिले के सभी घरों में पाइप से शुद्ध पेयजल आपूर्ति योजना लागू कराने, सभी नहर, पईन व चैनल का उड़ाही व पक्कीकरण कार्य, कम क्षमता की जगह उच्च क्षमता वाले ट्रांसफॉर्मर लगाने समेत अन्य समस्याओं की ओर सीएम का ध्यान आकृष्ट कराया.

उन्होंने कहा कि पेयजल व स्वच्छता मद में केंद्र से मिली राशि के खर्च में बिहार सरकार तेजी लाये. राशि उपलब्ध होने के बाद भी योजनाओं का क्रियान्वयन तेजी से नहीं हो रहा है. राज्य में एक लाख सात हजार 640 ग्रामीण वसावट में मात्र 50203 बसावट ग्रामीण पेयजल आपूर्ति से कवर हो पाया है. गुणवत्ता प्रभावित 6599 वसावट है. इसमें 357 आर्सेनिक, 893 फ्लोराइड, 5348 लौह प्रभावित व एक नाइट्रेट से प्रभावित है. एक लाख सात हजार 640 ग्रामीण वसावट में 12866 के लिए जल गुणवत्ता जांच रिपोर्ट उपलब्ध है.

2014-15 में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति के मद में केंद्र से वित्तीय प्रगति कार्यक्रम के लिए राज्य को 410 करोड़ आवंटित हुआ. राज्य सरकार ने अब तक मात्र 220 करोड़ खर्च की है. वित्तीय प्रगति सहायता गतिविधि के लिए 27.78 करोड़ आवंटित किया गया. इसमें राज्य सरकार ने मात्र 1.99 करोड़ खर्च किया.

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