पगला बाबा के कहने के बाद लालू ने मोदी की प्रशंसा शुरु की
पटना: जदयू ने आज कहा कि धार्मिक गुरु पगला बाबा के राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से प्रधानमंत्री पद के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने को कहे जाने के बाद से लालू ने मोदी की प्रशंसा करनी शुरु कर दी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले जदयू […]
पटना: जदयू ने आज कहा कि धार्मिक गुरु पगला बाबा के राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से प्रधानमंत्री पद के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने को कहे जाने के बाद से लालू ने मोदी की प्रशंसा करनी शुरु कर दी है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले जदयू नेता संजय झा ने आज कहा कि मिर्जापुर में कल धार्मिक गुरु पगला बाबा के राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से प्रधानमंत्री पद के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने को कहे जाने के बाद से लालू ने मोदी की प्रशंसा करनी शुरु कर दी है.
उन्होंने कहा कि अब इसमें कोई शंका नहीं वर्ष 2014 के चुनाव में लालू नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने में अपना समर्थन देंगे.चारा घोटाला मामले में लालू की पैरवी कर रहे मशहूर वकील राम जेठमलानी ने इससे पूर्व लालू से मोदी का समर्थन करने को कहा था.
भाजपा द्वारा नरेंद्र मोदी को पार्टी चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाए जाने के बाद से उससे नाता तोड लेने वाली जदयू के नाता झा ने कहा कि अब भाजपा ने लालू के रुप में नया साथी तलाश लिया है.
लालू प्रसाद और नरेंद्र मोदी के बीच सांठ–गांठ होने का आरोप लगाते हुए जदयू नेता संजय झा ने कहा कि कुछ दिनों पूर्व राघोपुर जाने के क्रम में वाहन का अगला शीशा टूट जाने से घायल हुए लालू को सबसे पहले नरेंद्र मोदी ने ही फोन कर उनका कुशलक्षेम पूछा था.
झा ने कहा कि भाजपा से नाता तोड लिए जाने के बाद कांग्रेस के बिहार में नीतीश सरकार के सर्मथन में आगे आने से चिंतित लालू को अब राजनीतिक लाभ के लिए वह नरेंद्र मोदी विकल्प के रुप दिखने लगे हैं ,जिनकी लगातार वे आलोचना करते आए हैं.उन्होंने पूछा कि लालू ने जब स्वयं कहा है कि वे गुरु पगला बाबा के घोर समर्थक हैं तो ऐसे में वे प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी का समर्थन करने की उनकी बात को कैसे टाल सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद और भाजपा के बीच सांठ–गांठ होने का आरोप लगाते हुए कहा था इसका उदाहरण सारण जिला में विषाक्त मध्याहन भोजन खाने से 23 बच्चों की मौत के बाद इन दोनों दलों का घटना के एक दिन बाद 17 जुलाई को सारण बंद की घोषणा किया जाना था.