सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए बनेगा नियम : पंजियार

पटना: सौर ऊर्जा के उत्पादन और बिक्री के लिए बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग जल्द ही एक रेगुलेशन लायेगा. इसका ड्राफ्ट तैयार हो गया है. लोगों के सुझाव के बाद इसे अंतिम रूप दिया जायेगा. लोग अपने सुझाव लिखित या वेबसाइट के माध्यम से भेज सकते हैं. इसमें मीडिया की भी मदद ली जायेगी. ये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2015 6:12 AM
पटना: सौर ऊर्जा के उत्पादन और बिक्री के लिए बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग जल्द ही एक रेगुलेशन लायेगा. इसका ड्राफ्ट तैयार हो गया है. लोगों के सुझाव के बाद इसे अंतिम रूप दिया जायेगा. लोग अपने सुझाव लिखित या वेबसाइट के माध्यम से भेज सकते हैं. इसमें मीडिया की भी मदद ली जायेगी. ये बातें आयोग के चेयरमैन यूएन पंजियार ने गुरुवार को सेंटर फॉर इनवायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट और सीआइआइ द्वारा ‘रूफटॉप रिवॉल्यूशन : अनकवरिंग पटना सोलर पॉटेंशियल’ रिपोर्ट जारी किये जाने के मौके पर कहीं.
दो माह में होगा लागू : उन्होंने कहा कि इस रेगुलेशन को दो माह के भीतर लागू कर दिया जायेगा. जो भी उपभोक्ता नेट मीटिरिंग ग्रिड से कनेक्ट होना चाहते हैं, उन्हें आवेदन करना होगा. अगर कोई उपभोक्ता घर की छत पर सौर ऊर्जा का उत्पादन 400 यूनिट करता है और उसकी खपत 400 से अधिक है, तो अधिक यूनिट के लिए बिजली वितरण कंपनी पैसा लेगी. उन्होंने कहा कि बिजली वितरण कंपनी से कहा जायेगा कि लो वोल्टेज पर भी ग्रिड से कनेक्ट हो जाये, इसके लिए उपाय किये जायें.
सौर आधारित ऊर्जा ही असली : आद्री के सदस्य सचिव शैबाल गुप्ता ने कहा कि सौर आधारित ऊर्जा ही असली ऊर्जा है. सोलर आधारित ऊर्जा पटना में सफल हो गया, तो यह शहर मॉडल बन जायेगा. इसके लिए लोगों को मानसिकता भी बदलनी होगी. बिहार के लिए सौर आधारित ऊर्जा बहुत ही जरूरी है. ब्रिज टू इंडिया के जसमीत खुराना ने कहा कि भविष्य सौर ऊर्जा का है. इसे अपनाकर पटना अपने प्राचीन गौरव को फिर हासिल कर सकता है.

मौके पर सीड के रामापति कुमार, सीआइआइ, बिहार चैप्टर के चेयरमैन एसपी सिन्हा, ब्रेडा के डिप्टी डायरेक्टर आर झा, सेंटर फॉर रिसर्च एंड डेवलपमेंट, दिल्ली के सीइओ राहुल सिंह, यूवी ग्रुप के जीएम सुजीत कुमार, बीआइए के पूर्व अध्यक्ष केपीएस केसरी, सीड के कार्यक्रम संयोजक नवीन कुमार व आकांक्षा उपाध्याय आदि उपस्थित थीं. धन्यवाद ज्ञापन सीआइआइ के वाइस चेयरमैन पीके सिन्हा ने दिया.

बनायी जा सकती है 277 मेगावाट बिजली
यह रिपोर्ट ब्रिज टू इंडिया नामक संगठन के साथ मिल कर तैयार की गयी है. रिपोर्ट के अनुसार पटना में विभिन्न प्रकार की छतों का इस्तेमाल कर वर्ष 2025 तक 277 मेगावाट बिजली बनायी जा सकती है. सौर ऊर्जा को ग्रिड की बिजली से जोड़ कर दिन के समय बिजली की जरूरत को पूरा करने की इस योजना का दायरा धीरे-धीरे बढ़ाया जाना है. पटना में सौर संयंत्रों को लगाने के लिए उपयुक्त छत लगभग नौ वर्ग किमी है. जिस पर 759 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करने के संयंत्र लगाये जा सकते हैं.

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