गंगा-जमुनी तहजीब को बिगाड़ने की कोशिश
पटना : कर्पूरी जयंती समारोह पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पटना आगमन पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने भाजपा को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने फेसबुक पर लिखा है कि भाजपा छद्म विकास के नारा के जरिये देश की गंगा-जमुनी तहजीब को तोड़ने का घिनौना खेल खेल रही है. जनता की समस्या […]
पटना : कर्पूरी जयंती समारोह पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पटना आगमन पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने भाजपा को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने फेसबुक पर लिखा है कि भाजपा छद्म विकास के नारा के जरिये देश की गंगा-जमुनी तहजीब को तोड़ने का घिनौना खेल खेल रही है.
जनता की समस्या बनी हुई है. जन सरोकार से संबंधित कृषि,शिक्षा,स्वास्थ्य व रक्षा जैसे अहम मंत्रलयों के बजट में कटौती हो रही है. भाजपा की सरकार ने आठ महीने में देश को ऐसे चौराहा पर ला कर खड़ा कर दिया है, जहां देश की संप्रभुता एवं अखंडता पर गंभीर खतरा है. पूंजीपतियों को लाभ पहुंचानी वाली नीतियां बन रही हैं. भूमि अधिग्रहण जैसे अहम कानून को बनाने में संसद को बाइपास किया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय मार्केट के अनुरूप पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती करने के बजाय सरकार एक्साइज ड्यूटी बढ़ा कर जनता की जेब काट रही है.
कुछ महीनों से नागरिकों की अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले हो रहे हैं. अघोषित रूप से मान्यता प्राप्त संगठन और लोगों द्वारा निष्पक्ष लेखक, कलाकार, फिल्म निर्माता एवं अभिनेताओं को डराने एवं धमकाने का एक अघोषित एजेंडा मुल्क में चल रहा है. इन सब मुद्दों पर प्रधानमंत्री मौन व्रत रख अपनी स्वीकृति देते हुए दिखते हैं. आइआइटी,दिल्ली के डायरेक्टर को इस्तीफा देना पड़ रहा है.
रिसर्च संस्थान डीआरडीओ के चीफ को रातों-रात हटा दिया जाता है. इनके एजेंडे पर नहीं चलने के कारण फिल्म सेंसर बोर्ड के सभी सदस्य इस्तीफा देकर चले जाते हैं. इनके अनुसार फिल्म नहीं बनाने वालों पर हमला किया जाता है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनकी विचारधारा को नष्ट करने की कोशिश हो रही है. बापू की हत्या करने वाले गोडसे को महिमामंडित किया जा रहा है.
इनके मंसूबों को हम सफल नहीं होने देंगे. आठ माह में जमीनी स्तर पर काम की बात करने के बजाय रेडियो पर मन की व्यर्थ बात के अलावा नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज को लेकर कुछ बोलते नहीं हैं. उनकी तरफ से जो दूसरे नेता बोलते हैं वे निम्न बौद्धिक और सांस्कृतिक प्रतिभा का परिचय देते हैं. राज्यपाल समेत कुछ प्रशासनिक फेर-बदल के अलावा स्वच्छता अभियान,लव जिहाद,गुड-गवर्नेंस डे, घर वापसी व हिंदू औरत के लिए बच्चा पैदा करने का कोटा निर्धारित करना ही सरकार अपनी उपलिब्ध बता सकती है.