कैबिनेट के फैसले, मार्च में होंगे पंचायत उपचुनाव
पटना: 38 जिलों में पंचायत जन प्रतिनिधियों के खाली पड़े पदों को भरने के लिए इसी वर्ष मार्च में उपचुनाव कराया जायेगा. मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में इस पर सहमति बनी. बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव बी प्रधान ने कहा कि सभी जिलों में मुखिया समेत पांच स्तर के जनप्रतिनिधियों […]
पटना: 38 जिलों में पंचायत जन प्रतिनिधियों के खाली पड़े पदों को भरने के लिए इसी वर्ष मार्च में उपचुनाव कराया जायेगा. मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में इस पर सहमति बनी. बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव बी प्रधान ने कहा कि सभी जिलों में मुखिया समेत पांच स्तर के जनप्रतिनिधियों के कुल 2226 पद खाली हैं.
उपचनाव में 5290 बूथ बनाये गये हैं. इसके अलावा कैबिनेट ने राज्य के सभी विश्वविद्यालय और कॉलेजों के विकास के लिए 83 करोड़ 93 लाख 51 हजार रुपये की मंजूरी दी है. इसके तहत फिलहाल 50 करोड़ 23 लाख 45 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं.
विश्वविद्यालयों और अंगीभूत कॉलेजों के रिटायर्ड कर्मियों की पेंशन और उपदान को रिवाइज किया गया है. इन्हें ये रुपये देने के लिए कैबिनेट ने 237 करोड़ 60 लाख 68 हजार रुपये की मंजूरी दी है. यह रिवाइज पेमेंट उन्हीं कर्मियों को दिया जायेगा, जिनके वेतन का सत्यापन किया जा चुका है. गौरतलब है कि विश्वविद्यालय के सभी स्तर के कर्मियों के वेतन का सत्यापन करने के लिए एक वेतन सत्यापन कोषांग का गठन किया गया है. इससे सभी कर्मचारियों के वेतन का सत्यापन करना अनिवार्य है.
गोपालगंज जिले में ब्रजकिशोर नारायण सिंह राजकीय पोलिटेक्निक की स्थापना की जायेगी. इस पर 44.92 करोड़ खर्च होंगे. इसमें राज्य सरकार ने 12.30 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिये हैं. इसके अलावा गोपालगंज जिले के भोरे थाना अंतर्गत जगतौली ओपी का सृजन किया गया है. इसके लिए 17 पदों की स्वीकृति दी गयी है.
कैबिनेट के अन्य प्रमुख फैसले
– गंडक नदी 13 किमी की सड़क बनाने के लिए 30 करोड़
– राज्य के एसटीएफ (विशेष कार्य बल) को केंद्रीय गृह मंत्रलय के मानकों के अनुसार सुविधाएं
– पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 33.80 करोड़ खर्च करके बुलेट प्रुफ की होगी खरीद
मुखिया के 55 और सरपंच के 70 पद खाली
सभी जिलों में मुखिया के 55 और पंच के 70 पद खाली पड़े हैं. जबकि, सबसे ज्यादा ग्राम कचहरी पंच के 1206 तथा सबसे कम जिला पर्षद सदस्य के सात पद खाली पड़े हैं. इसके अलावा ग्राम पंचायत सदस्य के 819 और पंचायत समिति के सदस्य के 69 पद खाली पड़े हैं, जिन पर चुनाव होंगे. मुखिया के सबसे ज्यादा चार पद नालंदा, मुजफ्फरपुर और भागलपुर जिले में खाली हैं. इसके अलावा जमुई, मुंगेर, मधेपुरा, शिवहर, औरंगाबाद, नवादा, कैमूर और पटना में मुखिया के सभी पद भरे होने से यहां मुखिया को छोड़ कर अन्य पदों के लिए चुनाव होंगे.
छह स्तर के इन जिलों में इतने पद खाली
बक्सर- 42, रोहतास- 44, भोजपुर- 99, नालंदा- 61, पटना- 124, कैमूर- 20, गया- 73, नवादा- 85, औरंगाबाद- 36, जहानाबाद- 12, अरवल- 13, सारण- 68, सीवान- 45, गोपालगंज- 53, मुजफ्फरपुर- 139, वैशाली- 91, पूर्वी चंपारण- 103, पश्चिमी चंपारण- 62, सीतामढ़ी- 51, शिवहर- 10, भागलपुर- 64, बांका- 34, मधुबनी- 84, समस्तीपुर- 85, दरभंगा- 126, सहरसा- 39, मधेपुरा- 50, सुपौल- 33, पूर्णिया- 100, अररिया- 77, किशनगंज- 38, कटिहार- 90, मुंगेर- 25, जमुई- 45, बेगूसराय- 46, खगड़िया- 30, लखीसराय- 17 और शेखपुरा- 12