– समाज कल्याण विभाग ने की समीक्षा, चुनाव के बाद और बढ़ेगी समूह की भागीदारी संवाददाता, पटना बिहार में बाल विवाह और दहेज प्रथा उन्मूलन के लिए लगभग 30 हजार से अधिक किशोर-किशोरी समूह का गठन हो गया है, जो प्रत्येक माह बैठक करके बाल विवाह व दहेज प्रथा उन्मूलन के साथ शराबबंदी कानून के फायदे के संबंध में लोगों को जागरूक कर रहे हैं. समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में पाया गया है कि समूह के अभियान से लोगों के बीच इन कुप्रथाओं के संबंध में जानकारी पहुंच रही है, जिससे लड़कियां और लड़के बाल विवाह करने का विरोध करते हैं.इस कारण से चुनाव के बाद इस समूह की भागीदारी समाज में और बेहतर करने के जिलों को निर्देश भेजा जायेगा. ग्रामीण इलाकों में घर-घर पहुंच रहे हैं समूह के सदस्य सभी ग्रामीण इलाकों में घर-घर समूह के सदस्य पहुंच रहे हैं. विभाग ने समूह को दिशा – निर्देश दिया है कि अभियान के दौरान महिलाओं, लड़कियों को बाल विवाह और दहेज प्रथा का प्रभाव समाज में किस तरह से पड़ता है. इसको लेकर उन्हें जागरूक करें. साथ ही, लड़कियों को जागरूक करें और उन्हें सरकारी नियमों से अवगत कराएं, ताकि इसका विरोध करते समय वह कहां-कहां से तुरंत सहायता ले सकती है. लड़कियों को स्कूल तक पहुंचाने में मदद करें समूह से जुड़े किशोर-किशोरी वैसी लड़कियों को स्कूल तक पहुंचाने में मदद करेंगे. जो पढ़ाई के लिए अब भी स्कूल तक नहीं पहुंच पाती हैे. वैसी लड़कियों के अभिभावकों से मिलकर बच्ची को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगी और ग्रामीण इलाकों में जहां भी सरकारी दीवारों पर बाल विवाह और दहेज प्रथा उन्मूलन के संबंध में स्लोगन नहीं होगा, अधिकारियों को इस संबंध में सूचना देंगे, ताकि सरकारी नंबर और स्लोग गांव-गांव में लिखा जा सके.
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