वाणिज्यकर विभाग में बढ़ी अफसरों की मनमानी : भाजपा

चाह कर भी रिटर्न फाइल नहीं कर पा रहे व्यापारी विभागीय अक्षमता का खामियाजा व्यापारियों को पेनाल्टी के रूप में भुगतना पड़ रहासंवाददाता. पटना वाणिज्य कर विभाग का रवैया व्यावसाइयों, व्यापारियों और उद्यमियों के प्रति एक बार पुन: राजदकालीन ढर्रे पर आ गया है. व्यापारियों और उद्यमियों को रिटर्न फाइल करने के लिए फार्म -सी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 1, 2015 7:03 PM

चाह कर भी रिटर्न फाइल नहीं कर पा रहे व्यापारी विभागीय अक्षमता का खामियाजा व्यापारियों को पेनाल्टी के रूप में भुगतना पड़ रहासंवाददाता. पटना वाणिज्य कर विभाग का रवैया व्यावसाइयों, व्यापारियों और उद्यमियों के प्रति एक बार पुन: राजदकालीन ढर्रे पर आ गया है. व्यापारियों और उद्यमियों को रिटर्न फाइल करने के लिए फार्म -सी और एफ लेने में भी कई मुसिबतों का सामना करना पड़ रहा है. वाणिज्यकर के तहत पंजीकृत डिलरों की संख्या तो बढ़ गयी है, किंतु विभाग ऑन लाइन रिर्टन भरने की सहुलियत नहीं मुहैया करा पाया है. उक्त बातें रविवार को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश रुंगटा ने कही. उन्होंने कहा है कि वाणिज्य कर विभाग की सरवर क्षमता में कोई वृद्धि नहीं की गयी है. नतीजा यह है कि हर तिमाही बड़ी संख्या में रिटर्न फाइल करने में वाणिज्यकर विभाग के सरवर सक्षम नहीं हैं. व्यापारी चाह कर भी रिटर्न फाइल नहीं कर पा रहे हैं. विभागीय अक्षमता का खामियाजा व्यापारियों को पेनाल्टी के रूप में भुगतना पड़ रहा है. फार्म-सी और फार्म एफ के लिए ऑन लाइन अप्लाई करने पर भी दो माह तक इंतजार करना पड़ रहा है. अधिकारियों से मिलने पर फार्म डाउन-लोड हो पाता है. इससे अफसरों को नाजायज वसूली और मनमानी करने की छूट मिल गयी है. उन्होंने वित्त मंत्री से इस तंत्र को सुधारने का निर्देश देने को कहा है. इससे सूबे के व्यापारी अनावश्यक परेशानी और दोहन से बचेंगे. (नोट : खबर दोबारा पढ़ी गयी है)

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