राज्य सरकार की तमाम घोषणाएं लफ्फाजी : मोदी
सैनिटरी नैपकिन योजना नहीं हुई शुरू पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रदेश सरकार की तमाम घोषणाएं लफ्फाजी साबित हो रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास और कल्याणकारी योजनाएं ठप हैं. पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा घोषित सैनिटरी नैपकिन योजना कार्यान्वित नहीं हो पायी. वहीं नयी पीढ़ी स्वास्थ्य गारंटी […]
सैनिटरी नैपकिन योजना नहीं हुई शुरू
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रदेश सरकार की तमाम घोषणाएं लफ्फाजी साबित हो रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास और कल्याणकारी योजनाएं ठप हैं. पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा घोषित सैनिटरी नैपकिन योजना कार्यान्वित नहीं हो पायी. वहीं नयी पीढ़ी स्वास्थ्य गारंटी योजना दो साल से ठप है.
सूबे में आकस्मिक एंबुलेंस सेवा 102 भी एक साल से बंद है. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली किशोरियों को सैनिटरी नैपकिन देने की योजना अब तक अमल में नहीं आयी. योजना के लिए पिछले साल फरवरी में विधानसभा में पेश बजट में 32़76 करोड़ रुपये का प्रावधान भी था. योजना के तहत सातवीं से 12 वीं की छात्रओं को महीने में चार सैनिटरी नैपकिन देना था.
1 अप्रैल,2014 से 31 मार्च 2015 तक 33 लाख 14 हजार 696 छात्रओं को नि:शुल्क इसका लाभ मिलना था. जब योजना लागू करने में सरकार विफल हो गयी तो नवंबर, 2014 में इसे चुनिंदा जिलों में लागू करने की घोषणा की, लेकिन अब तक एक भी जिला में इसे लागू नहीं किया जा सका है. नयी पीढ़ी स्वास्थ्य गारंटी योजना 2011 में बिहार दिवस पर शुरू हुई थी. इसके तहत पहले साल करीब दो करोड़ छात्र-छात्रओं को हेल्थ कार्ड दिया गया, लेकिन भाजपा से गंठबंधन टूटने के बाद योजना बंद कर दी.
एक साल से एंबुलेंस सेवा 102 के ठप होने की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दुर्घटना के शिकार,गंभीर रूप से बीमार वृद्घ व बच्चों तथा प्रसव के लिए महिलाओं को निकटवर्ती अस्पताल में पहुंचाने की सेवा से लोगों को वंचित होना पड़ रहा है. केंद्र द्वारा दो सौ करोड़ की राशि से 550 चिकित्सीय सुविधा युक्त एंबुलेंस की सेवा शुरू हुई थी. पिछले साल संचालक संस्थान से विवाद के बाद सरकार ने सिविल सजर्न के माध्यम से सेवा को जारी रखने का निर्णय लिया था. लेकिन, 80 प्रतिशत से ज्यादा 102 की गाड़ियां बंद हैं.