सोया हुआ एटम बम है भूमि अधिग्रहण आदेश : नीतीश

आज छात्र प्रकोष्ठ के नेताओं को मिलेगा प्रशिक्षण पटना : पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को सोया हुआ एटम बम बताया है. उन्होंने जदयू किसान प्रकोष्ठ के नेताओं से कहा कि वे गांव-गांव जाकर इसकी असलियत बताये. 7, सकरुलर रोड स्थित आवास पर जदयू किसान प्रकोष्ठ के नेताओं-कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 3, 2015 6:45 AM
आज छात्र प्रकोष्ठ के नेताओं को मिलेगा प्रशिक्षण
पटना : पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को सोया हुआ एटम बम बताया है. उन्होंने जदयू किसान प्रकोष्ठ के नेताओं से कहा कि वे गांव-गांव जाकर इसकी असलियत बताये. 7, सकरुलर रोड स्थित आवास पर जदयू किसान प्रकोष्ठ के नेताओं-कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट घराने के पक्ष में केंद्र की जो साजिश है, उसका भंडाफोड़ करें.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निशाने पर रखा. कहा कि देश नीति से चलता है, नसीब से नहीं. केंद्र की साजिश है कि लोगों को उनकी जमीन से बेदखल कर देना है.
1894 का भू अजर्न कानून गड़बड़ था, लेकिन यूपीए सरकार ने 2013 में इसे संशोधित कर दिया था. भाजपा ने सत्ता में आते ही इसे पलट दिया. नीतीश ने कहा कि किसानों को राज्य सरकार द्वारा दिया जाने वाले बोनस को अब केंद्र खत्म करने के लिए कह रहा है. धमकी दी जा रही है कि बोनस दिया तो राज्य में खरीद की मात्र कर दी जायेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने सत्ता में आने के लिए झूठे वादे किये और सत्ता में आते ही भूल गयी.
भाजपा और आरएसएस को तोड़ने वाली बातों का जवाब हमें लोगों को जोड़ने वाली बातों से देना है. उन्होंने केंद्र के स्मार्ट सिटी प्लान, किसानों द्वारा आत्महत्या, गरीबों के लिए शौचालयों का निर्माण, कच्च तेल की कीमत कम होने के बावजूद पेट्रोल व डीजल की कीमत में कम कमी, बाजारवादी अर्थ व्यवस्था के नुकसान समेत अन्य विषयों पर भी प्रकाश डाला.
प्रदेश प्रवक्ता डॉ अजय आलोक ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने स्मार्ट सिटी की चर्चा करते हुए कहा कि इसके लिए भी किसानों की जमीन छीन ली जायेगी. पूर्व के अध्यादेश में जमीन अधिग्रहण पर उसके मालिक और खेतों में काम करने वाले मजदूरों को भी मुआवजा देने का प्रावधान था, लेकिन नये अध्यादेश में इन प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया है. नीतीश कुमार ने बंगाल का उदाहरण देते हुए कहा कि जमीन का मसला बड़ा ही संवेदनशील होता है.एक गलती से बंगाल में सरकार चली गयी और टाटा ने अपना प्रोजेक्ट भी वापस ले लिया.
उन्होंने अहमदाबाद शहर के करीब गंदे पानी के एकत्र होने की भी चर्चा की. प्रशिक्षण कार्यक्रम में सांसद हरिवंश, प्रशिक्षण प्रभारी सुनील कुमार, एमएलसी रामवचन राय, कलमजीवी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष एस के वर्मा, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हरिशंकर प्रसाद, नीलेश कुमार और सुमन पारिजात ने भी टिप्स दिये. मंगलवार को छात्र प्रकोष्ठ के नेता-कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जायेगा.

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