15 फरवरी तक हटा दिये जायेंगे मांझी: सुशील मोदी

पटना: 15 फरवरी के पहले जीतन राम मांझी को सीएम पद से हटा दिया जायेगा. उन्हें हटाने की हर दिन तिकड़म हो रही है. मांझी विधानसभा भंग कर चुनाव कराने की हिम्मत दिखायें. वह चुनाव होने तक कार्यकारी सीएम बने रहेंगे. ये बातें पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भाजपा मुख्यालय में एससी-एसटी मोरचा द्वारा आयोजित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2015 6:54 AM

पटना: 15 फरवरी के पहले जीतन राम मांझी को सीएम पद से हटा दिया जायेगा. उन्हें हटाने की हर दिन तिकड़म हो रही है. मांझी विधानसभा भंग कर चुनाव कराने की हिम्मत दिखायें. वह चुनाव होने तक कार्यकारी सीएम बने रहेंगे.

ये बातें पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भाजपा मुख्यालय में एससी-एसटी मोरचा द्वारा आयोजित संत रविदास जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहीं. कहा कि जिस तरह मछली बिना पानी के नहीं रह सकती. उसी तरह नीतीश अधिक दिनों तक बिना कुरसी के नहीं रह सकते. वर्ष 2000 में जब वह सात दिनों के लिए बिहार के सीएम बने.

तब उन्होंने कहा था कि वह खूंटा गाड़ कर यही रहेंगे. अटल जी की कृपा से केंद्र में मंत्री बन गये. वर्ष 1977 में जब केंद्र में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी, तो जनसंघ ने बाबू जगजीवन राम को पीएम बनाने का समर्थन किया था, लेकिन आज बिहार में महादलितों के विकास का दावा कह रहे लोगों ने उन्हें पीएम नहीं बनने दिया. बिहार में दलित-महादलित समाज से तीन सीएम बने. तीनों अपनी ताकत के बल पर सीएम नहीं बने, बल्कि दूसरों की लड़ाई में बने. जीतन राम मांझी को तो ‘खड़ाऊ मुख्यमंत्री’ बना दिया है. पूर्व मंत्री संजय पासवान कांशी राम की जयंती मनाने जा रहे हैं. एसके मेमोरियल हॉल में कांशी राम की जयंती में वह भी शामिल होंगे. कहा, राज्य में भाजपा की सरकार बनी, तो हर दलित-महादलित को रंगीन टीवी और बिजली मिलेगी.

जदयू का पलटवार

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने सुशील मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा मांझी सरकार को अस्थिर करना चाहती है. सरकार पर कोई संकट नहीं है. मोदी के बयान का कोई असर नहीं होनेवाला है. मोदी हर दिन बयान देते हैं. यह उनकी आदत बन गयी है.

पूजा का मतलब चंदन-टीका नहीं, समर्पण : मांझी

उधर, मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि कर्म ही सबसे बड़ा धर्म है. हमें जाति की भावना छोड़ कर्म पर ध्यान देना चाहिए. जो अपने काम के प्रति ईमानदार है, वह उच्च जाति का है. मंगलवार को महावीर मंदिर द्वारा आयोजित संत रविदास जयंती समारोह में उन्होंने कहा कि मंदिरों में पुजारियों की संख्या काफी बढ़ गयी है. हम उनसे कहना चाहते हैं कि पूजा का मतलब चंदन-टीका लगाना नहीं है, बल्कि समर्पण और अर्पण है. मुख्यमंत्री ने कहा, हम धर्म करने जाते हैं और इसके लिए दूसरों को दुख देते है. यह धर्म नहीं है. किसी भी तरह से किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए. अपने हित के लिए हम लोग झूठ बोलते हैं. हमें संत रविदास की बातों पर अमल करना चाहिए.

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