अपहृत व्यवसायी व चालक 48 घंटे में बरामद

पटना: कंकड़बाग में आरएन सिंह नर्सिग होम के गेट से पिस्टल सटा कर टाटा विक्टा गाड़ी सहित अपहृत किये गये पूर्णिया के मोबाइल व्यवसायी कृष्णा नंदन चौधरी व उनके चालक नीलू डे को पुलिस ने 48 घंटे में बरामद कर लिया. दोनों को मुजफ्फरपुर के नदी व जंगल वाले इलाके में छुपा कर रखा गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 5, 2015 6:56 AM
पटना: कंकड़बाग में आरएन सिंह नर्सिग होम के गेट से पिस्टल सटा कर टाटा विक्टा गाड़ी सहित अपहृत किये गये पूर्णिया के मोबाइल व्यवसायी कृष्णा नंदन चौधरी व उनके चालक नीलू डे को पुलिस ने 48 घंटे में बरामद कर लिया. दोनों को मुजफ्फरपुर के नदी व जंगल वाले इलाके में छुपा कर रखा गया था. फिरौती के लिए 20 लाख रुपये की डिमांड की जा रही थी.

अपराधी हर चार घंटे पर लोकेशन चेंज कर रहे थे. इसी बीच घटना में संलिप्त एक आरोपित युवक अमित मिश्र पुलिस के हत्थे चढ़ा और उसकी निशान देही पर पुलिस ने गोविंद छपरा में छापेमारी कर दोनों को बरामद किया है. बाद में पुलिस ने मुरारी ठाकुर को भी पकड़ लिया.

पुलिस के अनुसार जो आरोपित पकड़ा गया है, वह कृष्णनंदन के मोबाइल फोन दुकान पर काम करता था. पैसे की लेन-देन का मामला था. इसी बात को लेकर अपहरण कराया गया था. अमित ने अपहरण करनेवाले लोगों में छह लोगों का नाम बताया है. इनमें नितेश मिश्र, गोपाल ठाकुर, संजीत कुमार, मुरारी ठाकुर, काका उर्फ चंद्रशेखर, टिल्लु आदि शामिल हैं.
अपहरण के बाद आरएन सिंह नर्सिग होम में मौजूद कृष्णनंदन की बहन मोनी देवी ने कंकड़बाग पुलिस को सूचना दी. इस पर तत्काल कृष्णनंदन की पत्नी के मोबाइल फोन को सर्विलांस पर लिया गया. इस दौरान बातचीत करने के क्रम में पुलिस ने मुजफ्फरपुर से अमित मिश्र, निवासी बेगना, थाना औराई को गिरफ्तार किया गया. उसकी निशानदेही पर पुलिस अधीक्षक नगर पूर्वी सुधीर पोरिकर, डीएसपी कंकड़बाग रमाकांत व थानाध्यक्ष अतनु दत्ता सहित पुलिस टीम को मुजफ्फरपुर भेजा गया. अंतिम लोकेशन गोविंद छपरा की मिली. पुलिस ने वहां रेड कर व्यवसायी व चालक को बरामद कर लिया.
गायघाट लेते हुए ले गया महुआ
एसएसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि पूर्णिया निवासी कृष्णनंदन चौधरी पिछले एक माह से पटना के कंकड़बाग में डॉ आरएन सिंह नर्सिग होम में अपने बहनोई मनोज चौधरी का इलाज करवा रहा थे. एक फरवरी की शाम नर्सिग होम के सामने कृष्णनंदन अपने चालक के साथ अपनी टाटा विक्टा गाड़ी में बैठे थे. इस दौरान अपराधियों ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद अपराधी गाड़ी सहित गायघाट होते हुए महुआ (वैशाली) लेकर गये. यहां पर कृष्णनंदन की गाड़ी को छोड़ दिया गया और दूसरी गाड़ी (बोलेरो) से मौजूद अपराधियों को दोनों को सौंप दिया गया.

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