चंद माह में ही सीएम बनने को बेचैन हो गये नीतीश : मोदी

संवाददाता, पटना पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षा के चलते बिहार के बेशकीमती 20 माह कुशासन और अपराध की भेंट चढ़ चुके हैं. चंद महीनों में ही वह दोबारा मुख्यमंत्री बनने को बेचैन क्यों हो गये? वह अपने समर्थक मंत्रियों से मुख्यमंत्री को अस्थिर करनेवाले बयान क्यों दिलवा रहे हैं? […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 5, 2015 8:02 PM

संवाददाता, पटना पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षा के चलते बिहार के बेशकीमती 20 माह कुशासन और अपराध की भेंट चढ़ चुके हैं. चंद महीनों में ही वह दोबारा मुख्यमंत्री बनने को बेचैन क्यों हो गये? वह अपने समर्थक मंत्रियों से मुख्यमंत्री को अस्थिर करनेवाले बयान क्यों दिलवा रहे हैं? अगर लोकसभा चुनाव में पार्टी की पराजय को अपने नेतृत्व के प्रति जनता के अविश्वास के रूप में उन्होंने लिया था, तब क्या आज उन्हें जनता का विश्वास हासिल हो गया है? अगर वे दोबारा सीएम बनना चाहते हैं, तो उन्हें नये जनादेश का इंतजार करना चाहिए. मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार बार-बार नैतिकता की बातें करते हैं, दूसरी ओर उनके इशारे पर मंत्री और विधायक मुख्यमंत्री के खिलाफ बयान दे रहे हैं. मंत्री श्रवण कुमार सीएम की सहमति के बिना ही विधायक दल की बैठक बुलाने की धमकी दे रहे हैं, वहीं दो मंत्री ललन सिंह और पीके शाही अफसरों का तबादला करने के मुख्यमंत्री के संवैधानिक अधिकार को चुनौती दे रहे हैं. मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने अगर महादलित को सम्मान देने के लिए जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनवाया था, तो सात माह में ही वही मांझी उन्हें पल-पल भारी क्यों लगने लगे? क्या प्रवक्ताओं से सीएम को अपमानित कराना नैतिकता है? आखिर किस सिद्धांत के तहत मुख्यमंत्री के विरोध में गोलबंद दर्जन भर मंत्री भोज की राजनीति में लिप्त हैं? पार्टी केवल मुख्यमंत्री को ही नसीहत क्यों दे रही है?

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