मांझी को सदन में बहुमत सिद्ध करने को कह सकते हैं राज्यपाल : कंठ-सं

पटना. बिहार के ताजा राजनीतिक उठा-पटक के बीच राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी की भूमिका महत्वपूर्ण हो गयी है. वे अनुभवी राज्यपालों में गिने जाते हैं. उत्तरप्रदेश के राज्यपाल के रूप में उन्होंने राजनीति के इससे भी कठिन दौर देखे हैं. एक दिन पहले ही उन्होंने जीतन राम मांझी की दो मंत्रियों की बरखास्तगी की अनुशंसा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 7, 2015 10:03 PM

पटना. बिहार के ताजा राजनीतिक उठा-पटक के बीच राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी की भूमिका महत्वपूर्ण हो गयी है. वे अनुभवी राज्यपालों में गिने जाते हैं. उत्तरप्रदेश के राज्यपाल के रूप में उन्होंने राजनीति के इससे भी कठिन दौर देखे हैं. एक दिन पहले ही उन्होंने जीतन राम मांझी की दो मंत्रियों की बरखास्तगी की अनुशंसा को स्वीकृति दे दी थी. नीतीश कुमार जदयू विधायक दल के नेता चुन लिये गये हैं. वे राज्यपाल के यहां विधायकों की परेड कराने तक की बात कह रहे है. अभी तक राज्यपाल के यहां विरोधी ही आपत्ति दर्ज कराते रहे हैं, किंतु ऐसा पहली बार हो रहा है कि एक ही दल दो-दो बार अपनी आपत्ति दर्ज करा रहा है. ऐसे में राज्यपाल की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है. हो सकता है राज्यपाल बिहार में राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा कर दें. राज्यपाल को सभी चीजों पर बारीकी से देखना होगा. वे विधानसभा में नीतीश कुमार या जीतन राम मांझी को अपना बहुमत साबित करने को भी कह सकते हैं.

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