जदयू के 111 विधायकों में 97 व 41 एमएलसी में 37 शरद यादव की बुलायी बैठक में हुए शामिल

पटना : बिहार शनिवार को एक राजनीतिक संकट में फंसता नजर आया जब सत्तारूढ़ जदयू ने नीतीश कुमार को पार्टी विधायक दल का नया नेता चुन लिया जबकि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बागी तेवर दिखाते हुए अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया और हो सकता है कि पद पर बने रहने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 7, 2015 11:34 PM
पटना : बिहार शनिवार को एक राजनीतिक संकट में फंसता नजर आया जब सत्तारूढ़ जदयू ने नीतीश कुमार को पार्टी विधायक दल का नया नेता चुन लिया जबकि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बागी तेवर दिखाते हुए अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया और हो सकता है कि पद पर बने रहने के लिये वह भाजपा का सहयोग लें.
इस सारे घटनाक्रम से बेपरवाह मांझी ने विधानसभा भंग करने का असफल प्रयास किया और कैबिनेट की बैठक में पेश उनके इस आशय के प्रस्ताव को खारिज करने वाले 21 मंत्रियों में से 15 को बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल से करने के बाद वह नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली रवाना हो गये.
मांझी के करीबी मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि जल्दी ही मांझी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जायेगा और अगर जरूरत पड़ी तो इसमें भाजपा की सहायता ली जायेगी.इससे पूर्व मांझी के इस्तीफा देने से इनकार करने के बाद उन्हें दरकिनार करते हुए पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने जदयू विधायक दल की बैठक बुलायी, जिसमें नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुन लिया गया. इस बैठक में जदयू के 111 विधायकों में से 97 और 41 विधान पार्षदों में से 37 ने भाग लिया.
यादव ने राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से मिलने का समय मांगा. राज्यपाल के सोमवार सुबह पटना लौटने पर यादव के उनसे भेंट कर नीतीश कुमार के नेतृत्व में जदयू सरकार बनाने का दावा पेश करने की संभावना है. यादव ने कहा कि 243 सदस्यीय विधानसभा में नीतीश कुमार को 130 विधायकों का समर्थन हासिल है.
बिहार में नये सिरे से चुनाव होना चाहिए :सुशील मोदी
उधर, भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि, ‘‘हम मानते हैं कि बिहार में नए सिरे से चुनाव होने चाहिए क्योंकि नीतीश लोगों का जनादेश खो चुके हैं. लोगों ने भाजपा और जदयू दोनों को सत्ता के लिए चुना था, न कि अकेले जदयू को.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम हालात पर करीबी नजर रखे हुए हैं और उम्मीद करते हैं कि नए सिरे से चुनाव का आदेश शीघ्र दिया जाएगा. नीतीश कुमार सत्ता के भूखे लगते हैं और इसी वजह से उन्होंने महादलित नेता जीतन राम मांझी को हटाकर खुद को विधायक दल का नेता फिर से निर्वाचित कराया है.’’ मोदी ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार ने एक महादलित जीतन राम मांझी को हटा कर अन्याय किया है.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या मांझी का भाजपा में स्वागत किया जाएगा तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है.
सूत्रों ने संकेत दिया कि मांझी दिल्ली में भाजपा नेताओं से मिल सकते हैं. मांझी कल दिल्ली में नीति आयोग की एक बैठक में हिस्सा लेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. इससे पहले दिन में वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और अनंत कुमार ने मोदी के साथ पार्टी कार्यालय में शाह से मुलाकात की और बिहार के हालात पर चर्चा की.

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