गुजरात में सिख समुदाय भी सुरक्षित नहीं : वशिष्ठ
पटना : जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि गुजरात में सिख समुदाय के लोग भी सुरक्षित नहीं हैं. गोधरा कांड के बाद केवल मुसलमानों की सुरक्षा पर ही खतरा था. लेकिन, कच्छ में जो हुआ, उससे यह साबित हो गया कि नरेंद्र मोदी की सरकार में मुसलिम के साथ ही सिख […]
पटना : जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि गुजरात में सिख समुदाय के लोग भी सुरक्षित नहीं हैं. गोधरा कांड के बाद केवल मुसलमानों की सुरक्षा पर ही खतरा था. लेकिन, कच्छ में जो हुआ, उससे यह साबित हो गया कि नरेंद्र मोदी की सरकार में मुसलिम के साथ ही सिख समुदाय भी सुरक्षित नहीं रह गया है.
जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ द्वारा कारगिल चौक पर आयोजित धरने में प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू–कश्मीर को छोड़ किसी भी राज्य में संपत्ति खरीदने–बेचने का अधिकार लोगों को है. गुजरात सरकार ने कच्छ के 50 हजार सिख किसानों को टारगेट किया है. कृषि अधिनियम 1948 का हवाला देते हुए सिख समुदाय के लोगों को गुजरात का मूल निवासी नहीं बताया जा रहा है. सिख समुदाय के लोगों को पंजाब जाने की नसीहत दी जा रही है. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने गुजरात सरकार की इस दलील को सिरे से खारिज कर दिया है.
* उन्मादी है सरकार का चरित्र
प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मो सलाम ने कहा कि गुजरात सरकार की विकृत मानसिकता के कारण इस तरह की स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं. सरकार का यह उन्मादी चरित्र है. देश की लोकतांत्रिक प्रणाली में सभी समुदायों को साथ लेकर चलने की बात है. धरना को प्रदेश महासचिव रवींद्र सिंह, डॉ नवीन कुमार आर्य, जगजीवन नायक, आरएस गांधी, डॉ सुदर्शन सिंह, कुलवंत सिंह सलूजा, आसिफ कमाल, डॉ रहमान, कवलजीत सिंह आदि ने भी विचार व्यक्त किये.