बिहार निवास में एक्शन प्लान तैयार करने में जुटे रहे मांझी समर्थक
नयी दिल्ली: बिहार निवास आज सुबह से ही राजनीतिक गहमागहमी का केंद्र बना रहा. यहां आने-जाने वाले हर कोई मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के इस्तीफे के बारे में पूछता. अफवाहों का दौर भी चलता रहा. बिहार में विधायकों को नीतीश कुमार के पाले से अपने पाले में ले आने की चरचा भी बिहार निवास में […]
नयी दिल्ली: बिहार निवास आज सुबह से ही राजनीतिक गहमागहमी का केंद्र बना रहा. यहां आने-जाने वाले हर कोई मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के इस्तीफे के बारे में पूछता. अफवाहों का दौर भी चलता रहा. बिहार में विधायकों को नीतीश कुमार के पाले से अपने पाले में ले आने की चरचा भी बिहार निवास में आती रही, लेकिन सीएम से बात किसी की नहीं हो रही थी. सीएम स्यूट की ओर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया था तथा वहां पर सुरक्षा जवानों को लगा दिया गया था. सीएम के नीति आयोग की बैठक में जाने के बाद भी बिहार निवास में लोगों का आना-जाना लगा रहा.
मंत्री नरेंद्र सिंह, महाचंद्र सिंह और राजीव रंजन सीएम की ओर से मोरचा संभाले रहे. कुछ न बोलते हुये भी इन नेताओं के हाव-भाव ऐसा लग रहा था, जैसे पूरे विधायकों का समर्थन इनके पास है. चूंकि दिल्ली की मीडिया वहां के विधायकों को पहचानने में चूक कर रही थी इसलिए बिहार निवास में सफेद कुर्ता पहने लोगों के आने-जाने पर उनसे विधानसभा और उनका नाम पूछने में भी संकोच नहीं कर रही थी. हालांकि बिहार निवास में आने वाले ज्यादातर लोग मांझी के समर्थक होने का दावा भी करते दिखें. मांझी के आने-जाने के क्रम में उनके समर्थन में नारा लगाने का काम करते रहें.
मांझी के पक्ष में जारी करेंगे व्हीप
विधायक राजीव रंजन ने अपना परिचय पार्टी के चीफ व्हीप के तौर पर दिया तब मीडिया का हुजूम उनके पास जमा हो गया. एक-एक कर लोग उनसे सवाल पूछने लगे. राजीव रंजन खुद को चीफ व्हीप का हवाला देते हुए कहा कि सदन में स्पीकर और चीफ व्हीप को बहुत अधिकार प्राप्त है. वह तीन लाइन का व्हीप जारी करेंगे कि मांझी के पक्ष में विधायक वोट करें अन्यथा उनकी विधायकी चली जायेगी. राजीव रंजन ने पार्टी अध्यक्ष द्वारा की गयी कार्रवाई को असंवैधानिक बताते हुए उसे किसी भी कोर्ट या संवैधानिक दायरे में फिट न होने की बात कह मीडिया को समझाने में मशगूल रहें. उन्होंने कहा कि जो भी उनके व्हीप का उल्लंघन करेगा उनकी सदस्यता चली जायेगी.
सांसद और विधायक भी पहुंचे
सीएम प्रेस कांफ्रेस के बाद भाजपा
नेता से मिलने के लिए निकले. ठीक उससे पहले राजद सांसद पप्पु यादव बिहार निवास पहुंचे, लेकिन उनकी सीएम से मुलाकात नहीं हो पायी. मीडिया से उन्होंने कहा कि जब राष्ट्रीय अध्यक्ष ने फैसला ले लिया है, तो बात खत्म हो जाती है. लेकिन मांझी को हटाने को उन्होंने गलत बताया. पप्पु यादव भी कितने मंत्री बनेंगे इस विषय में मीडिया से जानकारी लेते रहें. उसके बाद सीएम के पुत्र बिहार निवास पहुंचे. सीएम के पुत्र ने फिर अपने विश्वस्त सहयोगियों के साथ बंद कमरे में बैठक की.
तैयार किया जा रहा है प्लान
सूत्रों के मुताबिक मांझी समर्थक विधायक दूसरे विधायकों को अपने पाले में करने के लिए एक्शन प्लान तैयार कर रहे हैं. जिसमें मंत्री बनाने से लेकर विस में टिकट देने तक की बात है. साथ ही यदि मांझी सरकार गिर गयी, तो उसके बाद उसका भविष्य किस पार्टी में सुरक्षित रह सकता है, इस पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया जा रहा है. हालांकि इस विषय में पूछने पर विधायक राजीव रंजन ने कहा कि जो विधायक डरे हुये हैं, उनके लिए एक्शन प्लान बनायेंगे. हालांकि इसका खुलासा करने से उन्होंने इंकार करते हुए कहा कि दो-तीन दिन में सबकुछ स्पष्ट हो जायेगा.
भाजपा व मांझी खेमा की मुसीबत
मांझी खेमा और भाजपा दोनों के लिए मुसीबत विधायकों का आंकड़ा जुटाना है. सूत्रों के मुताबिक भाजपा की ओर से पहले साफ तौर पर यह कहा गया था कि वह 30 विधायकों को अपने साथ लेकर आये, तब भाजपा अपना रू ख स्पष्ट करेगा. लेकिन मांझी यह समझाने में लगभग कामयाब हो गये हैं कि वह कुछ विधायक को मंत्री बनाकर अपने पाले में आसानी से कर लेंगे. उसके बाद भाजपा के सहयोग से वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे. हालांकि इसका भाजपा के ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा इसका गुणा-भाग करने में पार्टी के वरिष्ठ नेता जुटे हैं. पार्टी के अंदर यह भी विचार चल रहा है कि मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम देखने के बाद ही इस मामले में अंतिम फैसला लिया जाये.