सोशल नेटवर्किंग एडवांस
स्मार्ट फोन के यूज से क्यों हो जाते है लोग भावुक?जिस तरह से हमारी पूरी दुनिया स्मार्ट फोन की छोटी-सी स्क्र ीन पर सिमटती जा रही है, उसका प्रभाव हमारी भावनाओं पर भी पड़ने लगा है. यह महज एक फोन न रहकर अब हमारी पुरानी यादों को संजोकर रखने का साधन बन गया है. यही […]
स्मार्ट फोन के यूज से क्यों हो जाते है लोग भावुक?जिस तरह से हमारी पूरी दुनिया स्मार्ट फोन की छोटी-सी स्क्र ीन पर सिमटती जा रही है, उसका प्रभाव हमारी भावनाओं पर भी पड़ने लगा है. यह महज एक फोन न रहकर अब हमारी पुरानी यादों को संजोकर रखने का साधन बन गया है. यही यादें और चीजें हमें अपने स्मार्ट फोन से भावनात्मक रूप से जोड़ देती हैं. ब्रिटेन के आइसलैंड विश्वविद्यालय के एक शोध में यह बात सामने आई है. शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन, हांगकांग, चीन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के 16 से 64 वर्ष के 205 स्मार्टफोन यूजर्स के व्यवहार का अध्ययन किया. उन्होंने प्रश्नावली के जरिए यह जानना चाहा कि स्मार्ट फोन का उपयोग भावनाओं पर असर करता है या नहीं. नतीजा आया कि फोन पर मिलने वाले विभिन्न एप और सोशल साइटें लोगों को स्मार्ट फोन से भावनात्मक रूप से जोड़ रही हैं.शोधकर्ता गिसली कहते हैं कि जब हमारी कोई प्रिय चीज खो जाती है, तो स्मार्ट फोन पर उपलब्ध एप और फेसबुक जैसी सोशल साइटें तस्वीरों और संस्मरण से जुड़ी चीजों को संजोती हैं, जिससे लोगों की भावनाएं इससे जुड़ जाती हैं. गिसली कहते हैं कि स्मार्ट फोन फेसबुक और अन्य एप के जरिये इंसान के व्यवहार पर ही नहीं, बल्किउसकी भावनाओं पर भी गहरा असर डाल रहा है. यह अध्ययन ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मोबाइल लर्निंग एंड ऑर्गनाइजेशन’ में प्रकाशित होगा.—————————