जिसको मुख्यमंत्री बनाया, उसने कह दिया मेरी मति मारी गयी थी : नीतीश
पटना: राजभवन से नीतीश कुमार को सरकार बनाने का न्योता नहीं मिलने के बाद जदयू, राजद, कांग्रेस, सीपीआइ व निर्दलीय विधायक सोमवार की शाम दिल्ली कूच कर गये. जदयू विधायक दल के नेता नीतीश कुमार के साथ सभी 130 विधायकों को विमान से दिल्ली ले जाया गया. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने राष्ट्रपति […]
समय मिलने पर सभी उनसे राष्ट्रपति भवन में मुलाकात करेंगे और बिहार में सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. राष्ट्रपति भवन में 130 विधायकों की परेड भी करायी जायेगी और लिखित रूप से नीतीश कुमार के नेतृत्व में सभी विधायकों के हस्ताक्षर का समर्थन पत्र भी सौंपा जायेगा. राष्ट्रपति के समक्ष बहुमत के बाद भी राजभवन द्वारा सहयोग नहीं करने की बात भी रखी जायेगी. इधर, जदयू नेतृत्व राष्ट्रपति भवन द्वारा अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने और राष्ट्रपति शासन लगने के बाद किसी भी स्थिति से निबटने और चुनाव में जाने के लिए भी तैयार है.
अगर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए राजभवन से अनुमति मिलती है, तो जदयू विधानसभा में विपक्ष के लिए भी दावा ठोंकेगा. विजय कुमार चौधरी को उस दिन के लिए जदयू विधायक दल का नेता चुना गया है. सोमवार को 7, सकरुलर रोड स्थित आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार ने कहा कि राजभवन द्वारा मामले को लटका कर रखा गया है. जदयू समेत राजद, कांग्रेस, सीपीआइ व निर्दलीय विधायकों का समर्थन पत्र आठ और नौ फरवरी को राज्यपाल को सौंपा गया. सभी विधायकों ने राजभवन के बाहर परेड की और सड़क पर भी उतरे. मामले को लटका कर हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है.
राज्यपाल ने अब तक उन्हें समय नहीं दिया है और ऊपर से दूसरे को बहुमत साबित करने के लिए भी अगर समय दिया जाता है, तो और ज्यादा देरी होगी. नीतीश ने कहा कि तोड़फोड़ का वातावरण बन रहा है. जनता सब देख रही है. नीतीश कुमार ने कहा कि अगर जीतन राम मांझी को बहुमत साबित करने के लिए एक दिन के लिए बिहार विधानसभा की कार्यवाही होती है, तो जदयू विपक्ष का दावा ठोंकेगा. विजय कुमार चौधरी विधानसभा अध्यक्ष के सामने नेता प्रतिपक्ष के लिए दावा ठोंकेंगे. जदयू तथाकथित सरकार के बहुमत साबित करने के खिलाफ है. ऐसे में वह सबसे बड़े दल होने के नाते विपक्ष में बैठेगा और इसके लिए दावा ठोंका जायेगा.
नीतीश ने कहा कि स्पीकर को निर्णय लेना है कि विपक्ष में कौन बैठेगा, जदयू या भाजपा. लोकतंत्र में संख्या का महत्व होता है और संख्या जदयू के साथ है. भाजपा के हाथ से पहले सत्ता गयी और अब विपक्ष से भी वे जायेंगे. उन्होंने कहा कि हमलोगों ने सत्ता में जाने के लिए दावा ठोंक दिया है. कहा जा रहा है कि उन्हें पहले मौका दिया जाना चाहिए. ऐसे में एक दिन के सदन में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका हम लोग निभायेंगे और विश्वासमत के खिलाफ वोट करेंगे. आवश्यकता पड़ने पर स्पीकर के सामने जदयू, राजद, कांग्रेस, सीपीआइ व निर्दलीय विधायकों की परेड भी करायी जा सकता है.
इसमें किसी को क्या एतराज हो सकता है? भाजपा की परेशानी है कि हमारा चेहरा देख कर वह ऑब्जेक्टिव से सबजेक्टिव हो जाती है. भाजपा के नेता व्यक्तिगत हो जाते हैं और बोलने लगते हैं. संपर्क यात्र के दौरान ही भनक लग गयी थी कि जदयू व राजद में भाजपा फूट डालने की कोशिश में है और पार्टी का बिखराव करना चाह रही है. ऐसे में हम मूकदर्शक बन कर तो नहीं रह सकते थे. नीतीश ने कहा कि भाजपा अपना स्टैंड क्लियर करे कि वह किसके साथ है? लग रहा है कि दिल्ली से हॉर्स ट्रेडिंग का लाइसेंस लेकर आये थे. जदयू के विधायकों को मंत्री पद और भाजपा से विधानसभा के टिकट का प्रलोभन दिया जा रहा है. वह भाजपा का टिकट कहां से देंगे? भाजपा साफ करे कि वह जीतन राम मांझी के साथ है. ‘प्रधानमंत्री से आशीर्वाद और भाजपा करेगी समर्थन’ जैसे बयान आ रहे हैं, तो ऐसे में तोड़फोड़ को बढ़ावा मिलेगा. किसकी बदौतल वे विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे. अगर भाजपा को समर्थन नहीं देना है, तो इसका एलान करे.