उत्तर कोयल नहर के निर्माण का रास्ता साफ
गुरुआ-मुरही की ग्रामीण परियोजना के लिए जमीन देने को राजी नहर परियोजना के लिए 5.48 एकड़ जमीन की है जरूरत पटना : गया में वर्षो से भूमि संकट के कारण अटकी पड़ी उत्तर कोयल नहर परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. गया के गुरुआ-मुरही के ग्रामीण नहर परियोजना के लिए जमीन देने […]
गुरुआ-मुरही की ग्रामीण परियोजना के लिए जमीन देने को राजी
नहर परियोजना के लिए 5.48 एकड़ जमीन की है जरूरत
पटना : गया में वर्षो से भूमि संकट के कारण अटकी पड़ी उत्तर कोयल नहर परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. गया के गुरुआ-मुरही के ग्रामीण नहर परियोजना के लिए जमीन देने को राजी हो गये हैं. नहर परियोजना के लिए 5.48 एकड़ जमीन की जरूरत है.
गुरुआ-मुरही के ग्रामीण तत्काल मुआवजा भुगतान की शर्त पर अपनी-अपनी जमीन देने को तैयार हो गये हैं. 24 फरवरी को गुरुआ में भूमि अधिग्रहण का मुआवजा भुगतान के लिए जल संसाधन विभाग और भू-राजस्व विभाग के अधिकारी कैंप लगायेंगे.
गया में उत्तर कोयल नहर परियोजना का निर्माण कार्य पिछले तीन वर्षो से अटका था. कोयल नहर परियोजना का निर्माण 12.21 करोड़ की लागत से होना है. इसके निर्माण न होने के कारण गया व औरंगाबाद में हजारों किसान प्राइवेट पंपों से पटवन करा रहे हैं. इस परियोजना के बनने से दोनों जिलों की दो लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा मिलेगी. उत्तर कोयल नहर परियोजना का निर्माण कराने की मांग को लेकर दोनों जिलों के किसान संगठन लगातार आंदोलन कर रहे थे.
ग्रामीणों को भूमि अधिग्रहण का मुआवजा 24 फरवरी को गुरुआ-मुरही कैंप में ही भुगतान कराने का जल संसाधन विभाग और भूमि राजस्व विभाग ने निर्णय लिया है. कैंप में यदि 5.48 एकड़ जमीन के मुआवजे का मामला सलट गया, तो मार्च से ही जल संसाधन विभाग उत्तर कोयल नहर परियोजना का निर्माण कार्य शुरू करा देगा.
परियोजना के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि गुरुआ-मुरही के ग्रामीणों के नाम नोटिस जारी किया गया है. जमीन का मुआवजा लेने के लिए भू-स्वामियों को एलपीसी, अद्यतन राजस्व रसीद, मतदाता पहचान पत्र, तीन तसवीरें, मुखिया-सरपंच का का प्रमाण पत्र, शपथ पत्र, केवाला और सीओ द्वारा निर्गत वंशावली देनी होगी.