स्वभाव बदलें, बढ़ेगा विश्वास
सुझाव : सिविल सजर्नों व डीपीएम को मरीजों से व्यवहार के दिये टिप्स पटना : बिहार के अस्पतालों में बेहतर चिकित्सा व चिकित्सकों का स्वभाव मरीजों के प्रति बेहतर हो, इसको लेकर बुधवार को राज्य स्वास्थ्य समिति परिसर में गुणवत्ता यकीन कार्यक्रम के तहत बैठक हुई. इसमें सभी जिला के सिविल सजर्न व डीपीएम मौजूद […]
सुझाव : सिविल सजर्नों व डीपीएम को मरीजों से व्यवहार के दिये टिप्स
पटना : बिहार के अस्पतालों में बेहतर चिकित्सा व चिकित्सकों का स्वभाव मरीजों के प्रति बेहतर हो, इसको लेकर बुधवार को राज्य स्वास्थ्य समिति परिसर में गुणवत्ता यकीन कार्यक्रम के तहत बैठक हुई. इसमें सभी जिला के सिविल सजर्न व डीपीएम मौजूद थे.
उनके माध्यम से हर जिला के अस्पतालों का ब्योरा लिया गया. कार्यक्रम में केंद्र सरकार की ओर से आये प्रशिक्षक डॉ जेएन श्रीवास्तव व राजेश नाला मुत्थू ने अस्पतालों को बेहतर करने के बारे में बताया और इसकी जानकारी दी गयी कि किस तरह से कम-से-कम संसाधन में भी मरीजों को बेहतर चिकित्सा दी जा सकती है.
उन्होंने कहा कि अस्पताल को ढांचा व चिकित्सक का व्यवहार मरीजों को दोबारा अस्पताल में बुलाता है. जब मरीजों को यह महसूस होता है कि इस अस्पताल में उसका संपूर्ण इलाज होगा या उसकी बेहतर काउंसेलिंग होगी, तो निजी अस्पताल में जाने के पहले वह सरकारी अस्पताल में जायेगा.
निजी अस्पतालों का माहौल देने पर हो रहा काम
राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशासी पदाधिकारी रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि अस्पतालों की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए समय-समय पर गुणवत्ता यकीन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.
इसमें योजना बनायी जाती है कि किस तरह से हम राष्ट्रीय गुणवत्ता यकीन के निकट पहुंच सके. अस्पतालों में मरीजों को निजी अस्पतालों का माहौल देने की योजना बनायी गयी और इसके लिए शहरी अस्पतालों, पीएचसी व अनुमंडलीय अस्पतालों का नये तरीके से बनाया जा रहा है.
इसमें चिकित्सक व मरीजों के बैठने, 24 घंटे तक दवा मिले और चिकित्सक व अस्पताल के कर्मचारी मरीजों से अच्छा व्यवहार करें, इसको लेकर अलग से मॉनीटरिंग टीम भी है. बावजूद इसके कभी-कभी शिकायत मिलती है, जिसको लेकर दोषियों पर कार्रवाई भी होती है. उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में मरीजों को एपीएचसी तक सभी सुविधाएं मिलेंगी. इस दिशा में तेज गति से काम चल रहा है.