बेली रोड पर फ्लाइओवर बकवास

हाइकोर्ट बोला पहले अतिक्रमण हटाओ पटना : पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बीएन सिन्हा व प्रभात कुमार झा ने टिप्पणी की है कि बेली रोड पर बन रहा फ्लाइओवर बकवास है. मुजफ्फरपुर के चंद्र किशोर पराशर की याचिका की सुनवाई के क्रम में उन्होंने कहा कि सरकार सड़कों पर से अतिक्रमण नहीं हटा रही और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2015 6:52 AM
हाइकोर्ट बोला पहले अतिक्रमण हटाओ
पटना : पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बीएन सिन्हा व प्रभात कुमार झा ने टिप्पणी की है कि बेली रोड पर बन रहा फ्लाइओवर बकवास है. मुजफ्फरपुर के चंद्र किशोर पराशर की याचिका की सुनवाई के क्रम में उन्होंने कहा कि सरकार सड़कों पर से अतिक्रमण नहीं हटा रही और फ्लाइओवर का निर्माण करा रही है. खंडपीठ ने राज्य सरकार को सूबे में सड़कों पर से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया.
वेंडर जोन में दुकान आवंटित करने का निर्देश
कोर्ट ने सड़कों के किनारे सब्जी बिक्री पर रोक लगाने का आदेश देते हुए दुकानदारों को वेंडर जोन में दुकान आवंटित करने का निर्देश दिया. साथ ही मुजफ्फरपुर के मोतीझील इलाके में बने एक रेलवे ओवरब्रिज के नीचे बंदोबस्त 39 दुकानों को हटाने तथा उन्हें वेंडर जोन में दुकान आवंटित करने का निर्णय सुनाया. कोर्ट ने जिला प्रशासन से पूछा कि किस आधार पर दुकानों का आवंटन कर दिया गया. खंडपीठ ने हटाये जाने वाले दुकानदारों को मुआवजा देने तथा वेंडर जोन में दुकान आवंटित करने का निर्देश दिया.
सरकार मुकदमा चलाने का आदेश क्यों नहीं दे रही
पटना : हाइकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि वह राज्य कर्मचारी चयन आयोग के दो पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश क्यों नहीं दे रही है. न्यायाधीश मिहिर कुमार झा की अदालत ने सरकार से पूछा है कि आखिर मुकदमा चलाने का आदेश नहीं देने के पीछे क्या कारण है. गृह विभाग में आयोग के पूर्व उप सचिव और एक पूर्व संयुक्त सचिव के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति लंबित है. इन अधिकारियों पर कनीय अभियंता नियुक्ति मामले में गड़बड़ी में संलिप्त रहने का आरोप है.
आर्थिक अपराध इकाई ने 18 अक्तूबर,2012 को आयोग के कार्यालय में छापेमारी कर बड़ी संख्या में उत्तर पुस्तिका जब्त की थी. कोर्ट ने गृह विभाग से यह भी कहा कि वह प्रति सप्ताह गड़बड़ी की आशंका वाली एक हजार कॉपियों की जांच इओयू से कराये. मामले में कोर्ट ने 22 अप्रैल तक की मोहलत सरकार को दी है. राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली गयी कनीय अभियंता बहाली मामले में कुछ व्यक्ति इओयू की पकड़ में आये थे. इस आधार पर इओयू ने कई गड़बड़ियां पकड़ी थी.

Next Article

Exit mobile version