न शहनाई बजी, न फेरे लिये, बस कसमें खा हो गये एक-दूजे के
पटना: न शहनाई, न बरात और न फेरे. लड़की ने वरमाला पहनायी और हो गये एक-दूजे के. कुछ ऐसा ही नजारा गुरुवार को बिहार राज्य महिला आयोग में रहा. दूल्हे ने दुल्हन की मांग में सिंदूर डाला और शादी रचायी. न तो अग्नि के समक्ष फेरे लिये गये और न मंत्र पढ़े गये. दोनों आयोग […]
पटना: न शहनाई, न बरात और न फेरे. लड़की ने वरमाला पहनायी और हो गये एक-दूजे के. कुछ ऐसा ही नजारा गुरुवार को बिहार राज्य महिला आयोग में रहा. दूल्हे ने दुल्हन की मांग में सिंदूर डाला और शादी रचायी. न तो अग्नि के समक्ष फेरे लिये गये और न मंत्र पढ़े गये. दोनों आयोग की सदस्यों के समक्ष जीने-मरने की कसमें खा बंधन में बंध गये.
आयोग की सदस्या रीना कुमारी ने बताया कि सीवान निवासी अरुण कुमार से पटना की युवती प्यार करती है. वर्ष 2012 में दोनों की मुलाकात हुई. धीरे-धीरे दोस्ती हुई और मामला प्यार में बदल गया. इसके बाद दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया. यहां तक कि 17 नवंबर को गांधी मैदान स्थित होटल में लड़के ने उसकी मांग में सिंदूर डाल शादी किया.
इसके बाद लड़के ने घरवालों की रजामंदी पर उसे ससुराल ले जाने की बात कह शारीरिक संबंध बनाया. लंबे समय तक दोनों यूं ही साथ रहे. जब लड़की गर्भवती हुई, तो वह अरुण से सामाजिक तौर पर संग रहने की बात कहने लगी. इससे अरुण उसे टहलाता रहा. इससे तंग लड़की ने महिला आयोग में शिकायत दर्ज करायी.
आयोग की काउंसेलिंग पर सहमति
आयोग ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों की काउंसेलिंग की. लड़के ने सारे आरोपों को स्वीकार करते हुए लड़की के पिता से होनेवाली समस्याओं को बताया. इस पर आयोग ने दोनों के परिजनों को बुला कर समझाते हुए शादी कराने की बात कही. लड़के के पिता ने युवती को बहू के रूप में स्वीकार करते हुए शादी में आशीर्वाद देने पहुंचे.
रस्मोरिवाज से दी गयी विदाई
शादी के वक्त गवाह के रूप में आयोग की सदस्य प्रतिभा सिन्हा, चिमो उराव समेत महिला पुलिस कर्मी मौजूद रहीं. इसके साथ ही आयोग द्वारा पूरे रस्मोरिवाज के साथ दुल्हन की विदाई दी गयी. दोनों के खुशहाल जीवन की कामना करते हुए रीना ने दूल्हा-दुल्हन को बधाई दी. उन्होंने बताया कि विवाहिता को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए राज्य महिला आयोग की ओर से तीन माह तक उसकी मॉनीटरिंग की जायेगी.