पप्पू जी बीजेपी के हाथों खिलौना क्यों बने हैं : राजद

संवाददाता, पटनाराजद सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पर पलटवार करते हुए युवा राजद ने पूछा है कि वह भाजपा के हाथों का खिलौना क्यों बने हुए हैं. आप राजद और लालू प्रसाद की विचारधारा से अवगत हैं. उसे मानते हैं, तो ऐसा आचरण क्यों है. राष्ट्रीय स्तर पर धर्म निरपेक्ष दलों की एकजुटता की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2015 10:03 PM

संवाददाता, पटनाराजद सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पर पलटवार करते हुए युवा राजद ने पूछा है कि वह भाजपा के हाथों का खिलौना क्यों बने हुए हैं. आप राजद और लालू प्रसाद की विचारधारा से अवगत हैं. उसे मानते हैं, तो ऐसा आचरण क्यों है. राष्ट्रीय स्तर पर धर्म निरपेक्ष दलों की एकजुटता की तैयारी चल रही है तो आप अचानक भाजपा की भाषा बोलने लगे. समाजवादियों के विलय से आप जैसा अति महत्वाकांक्षी व्यक्ति अपने को असहज महसूस करने लगा. राजद का कोई भी कार्यकर्ता या नेता भाजपा की भाषा नहीं बोल सकता है. राजद के मीडिया प्रभारी प्रगति मेहता ने पप्पू यादव के बयान के बाद कहा है कि बैकडोर से बिहार की सत्ता तक पहुंचने की जुगाड़ में लगी भाजपा को रोकने के लिए लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार को समर्थन देने की घोषणा की है तो फिर वह विधायकों को अंतरात्मा की आवाज से वोट देने की अपील क्यों कर रहे हैं. क्या यह लालू जी और उनकी विचारधारा के साथ धोखा नहीं है. राजद में लालू प्रसाद के वारिस बनने की कोई बात ही नहीं है. लालू प्रसाद एक व्यक्ति नहीं, एक विचार, एक आंदोलन हैं. एक विचार को आत्मसात किया जा सकता है. व्यवहार और आचरण में उतारा जा सकता है. उसके प्रकाश को फैला कर जन-जन की पीड़ा को दूर किया जा सकता. उसपर दावा नहीं ठोका जा सकता. अगर कोई व्यक्ति विशेष ऐसी विलक्षण विरासत का खुद को वारिस बताता है, तो यह साबित करता है कि वह उस विचार को सबसे कम समझ पाया है.

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