विश्वासमत के पहले लोक लुभावन वादा करना सही नहीं

संवाददाता, पटना किसी भी सरकार के लिए बहुमत साबित करने से पहले लोक लुभावन वादा करना सही नहीं है. सरकार के पास इसका नैतिक अधिकार नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री होने के नाते वह निर्णय ले सकते हैं. राजनीतिक रूप से यह उनका कानूनी अधिकार है. 1974 के आंदोलन के समय राइट टू रिकॉल नहीं था. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2015 12:05 AM

संवाददाता, पटना किसी भी सरकार के लिए बहुमत साबित करने से पहले लोक लुभावन वादा करना सही नहीं है. सरकार के पास इसका नैतिक अधिकार नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री होने के नाते वह निर्णय ले सकते हैं. राजनीतिक रूप से यह उनका कानूनी अधिकार है. 1974 के आंदोलन के समय राइट टू रिकॉल नहीं था. आज नोटा है. इसका अधिकार जनता को मिलना चाहिए. जनता को ही अधिकार है कि वह किसी को कुरसी सौंपे या फिर उससे कुरसी छोड़ने को कहे. एमएन कर्ण, समाजशास्त्री

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