मांझी ने जो कुछ भी किया है, वह बगावत नहीं बल्कि धोखा है : नीतीश कुमार

पटना : जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बारे में शनिवार को कहा कि उन्होंने जो कुछ भी किया है, वह बगावत नहीं बल्कि धोखा है. नीतीश ने कहा, ‘‘मांझीजी को सत्ता सौंपे जाते समय स्पष्ट बताया गया था कि कामकाज का रोडमैप तैयार है ठीक ढंग से सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2015 12:14 AM

पटना : जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बारे में शनिवार को कहा कि उन्होंने जो कुछ भी किया है, वह बगावत नहीं बल्कि धोखा है. नीतीश ने कहा, ‘‘मांझीजी को सत्ता सौंपे जाते समय स्पष्ट बताया गया था कि कामकाज का रोडमैप तैयार है ठीक ढंग से सरकार चलाते हुए इसे आगे बढाइए मगर वह रोडमैप के अनुसार कामकाज को आगे बढाने की बजाय अलग प्रकार की वैकल्पिक सरकार की तरह काम करने लगे. इससे सुशासन की धज्जियां उड़ने लगीं और लोग परेशान होकर हम लोगों से शिकायत करन लगे.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कठपुतली सरकार चलाने की कोशिश संबंधी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका सरकार से कोई लेना-देना नहीं था. उन्होंने तो मांझी को सत्ता सौंप दी थी. वह ही अपनी मर्जी की करते गए और कहते रहे कि उनका मौन समर्थन प्राप्त है. ‘‘मैं तो दो-तरफा मार ङोल रहा था. जनता भी दुखी थी और भाजपा भी कोस रही थी.
उन्होंने कहा कि संपर्क यात्रओं और कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण शिविरों में जो फीड बैक उन्हें मिला, उससे पार्टी ऐसा फैसला करने पर मजबूर हुई. इससे पहले कई बार उन्हें (मांझी) समझाने की कोशिशें हुई, मगर कोई सुधार नहीं हुआ.
मांझी जी को सत्ता सौंपने के अपने फैसले पर नीतीश ने कहा कि वह एक भावनात्मक फैसला था. ‘‘लोकसभा के चुनाव में जब आशानुरूप वोट नहीं मिला तो मुङो लगा कि लोगों के बीच काम करना और उनका विश्वास हासिल करना चाहिये, मगर जिस प्रकार पूरे प्रदेश में किसी ने भी इसे सही नहीं कहा और मांझी के कामकाज का विरोध किया तो लगा कि मुङो अपना फैसला सुधारना चाहिये. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और जीवन में सुधार एक निरंतर प्रक्रिया है.
राज्यपाल द्वारा उन्हें सत्ता के लिए उतावला कहे जाने के सवार पर नीतीश कुमार ने कहा कि अगर उन्होंने ऐसा कहा है तो यह अनुचित होने के साथ संवैधानिक पद की मर्यादा के अनुरूप भी नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए. नीतीश ने कहा कि गत नौ फरवरी को मुलाकात के दौरान राज्यपाल हमलोगों की इस दलील से सहमत दिखे कि आगामी 20 तारीख से आहूत बिहार विधानसभा के बजट सत्र में पहले दिन वह किसका अभिभाषण पढेंगे और बाद में कौन सरकार बजट पेश करेगी. मगर जब उन्होंने आदेश जारी किया तो यह उनके पूर्व के रुख से भिन्न था. इससे न केवल खरीद-फरोख्त को बढावा मिलेगा बल्कि वे सवाल भी अनुत्तरित रह जायेंगे जो हमलोगों ने पहले व्यक्त किया था.
मांझी के बिहार विधानसभा में आगामी 20 फरवरी को विश्वास मत हासिल करने के लिए गुप्त मतदान के राज्यपाल द्वारा दिये गये विकल्प के बारे में नीतीश ने कहा कि दल-बदल कानून के बाद यह हो ही नहीं सकता. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कोई लोकप्रिय सरकार गुप्त मतदान से चुनी जायेगी. उसके पास नैतिक और राजनैतिक बल होगा. इसलिए सदन में खुले मतदान से ही नेता का चुनाव होना चाहिए. नीतीश ने कहा कि मांझी द्वारा इस्तीफा नहीं दिये जाने पर पार्टी ने उन्हें निकाला है.
उन्होंने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की ऐतिहासिक जीत को भाजपा के कथित अलगाववाद, झूठे वादों और अहंकार की हार बताया और आप को नयी किस्म की पार्टी बताते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी. उन्होंने क्रिकेट विश्वकप के लिए भारतीय टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा वे जीतें और देश का गौरव बढाएं.

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