विश्वासमत के छह दिन पहले मांझी कैबिनेट के दो और बड़े फैसले, अब महादलित में पासवान भी

पटना: राज्य की महादलित जातियों की श्रेणी में अब दुसाध (पासवान) जाति को भी शामिल कर लिया गया है. पासवान की दो उपजातियों धाड़ी और धरही को भी इसमें जोड़ दिया गया है. शनिवार को मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आवास पर आयोजित कैबिनेट की विशेष बैठक में इस पर मुहर लगी. मांझी सरकार की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2015 7:29 AM
पटना: राज्य की महादलित जातियों की श्रेणी में अब दुसाध (पासवान) जाति को भी शामिल कर लिया गया है. पासवान की दो उपजातियों धाड़ी और धरही को भी इसमें जोड़ दिया गया है. शनिवार को मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आवास पर आयोजित कैबिनेट की विशेष बैठक में इस पर मुहर लगी.

मांझी सरकार की लोकलुभावन घोषणाओं की लंबी झड़ी के बाद आयोजित हुई कैबिनेट की इस बैठक पर कई वर्गो की नजर टिकी थी, लेकिन कैबिनेट ने इसके अलावा सात अन्य एजेंडों पर ही मुहर लगायी. महादलित में पासवान समेत इन दोनों उपजातियों को शामिल कर देने के बाद इस वर्ग में जातियों की संख्या 21 से बढ़ कर 23 हो गयी है.सरकार के इस फैसले से महादलितों के लिए चलनेवाली तमाम जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अब पासवान जाति को भी मिलेगा. कैबिनेट की बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव बी प्रधान ने यह जानकारी दी.

सभी दलित अब हुए महादलित
सरकार के इस फैसले से राज्य में अब कोई जाति दलित में नहीं रही, बल्कि सभी महादलित हो गयी हैं. इसके अलावा अब अनुसूचित जनजाति (एसटी) परिवारों के समुचित विकास के लिए इनके टोलों में एसटी समुदाय के बीच से ही विकास मित्रों का चयन किया जायेगा. एसटी परिवार के बीच से ही विकास मित्र बनेंगे, ताकि इनसे जुड़ी योजनाओं की समुचित जानकारी और लाभ एसटी वर्ग को मिल सके.
बेली रोड फ्लाइ ओवर का एस्टीमेट बढ़ा
पटना के बेली रोड पर बन रहे फ्लाइ ओवर का एस्टीमेट बढ़ा कर 321 करोड़ 39 लाख रुपये कर दिया गया है. इस पुल के बजट का दूसरी बार संशोधन किया गया है. इस राशि से फ्लाइ ओवर के अलावा शेखपुरा और जगदेव पथ मोड़ के बीच 94 मीटर लंबा और 25 मीटर चौड़ा पहुंच पथ के अलावा रिटेनिंग वाल, सर्विस पथ और पथ जंकशन बनेंगे. साथ ही विद्युतीकरण और भूमि अधिग्रहण समेत अन्य कार्य भी होंगे.
कैबिनेट के अन्य फैसले
– बिहार उर्दू अकादमी को वर्ष 2014-15 के दौरान विकासात्मक कार्य समेत अन्य के लिए 1.96 करोड़ रुपये
– दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज का नाम बदल कर डॉ जगन्नाथ मिश्र इंस्टीट्यूट ऑफ टेकनोलॉजी
महादलित में अब अनुसूचित जाति वर्ग की सभी 23 उपजातियां
बंतर, बौरी, भोगटा, भुईयां, चौपाल, दबगर, डोम व धनगढ़, घासी, हलखोर, हरी या मेहतर या भंगी, कंजर, कुरारियर, लालबेगी, मुसहर, नट, पन या स्वासी, राजवार, तुरी, धोबी, पासी, चमार और धरही व धाड़ी (दोनों दुसाध जाति की उपजातियां हैं.)

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