राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द खाक हुए डॉ कलीम आजिज

पटना: मरहूम शायर डॉ कलीम आजिज सोमवार को सुपुर्द ए खाक हो गये. राजकीय कार्यक्रम के साथ ही समनपुरा कब्रिस्तान में उनकी अंत्येष्टि संपन्न हुई. सुबह दस बजे गांधी मैदान में जनाजे की नमाज अता करने के बाद उनके पार्थिव शरीर को वाहन द्वारा आइजीआइएमएस गेट तक लाया गया. वहां से उन्हें कंधे पर समनपुरा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2015 6:27 AM
पटना: मरहूम शायर डॉ कलीम आजिज सोमवार को सुपुर्द ए खाक हो गये. राजकीय कार्यक्रम के साथ ही समनपुरा कब्रिस्तान में उनकी अंत्येष्टि संपन्न हुई. सुबह दस बजे गांधी मैदान में जनाजे की नमाज अता करने के बाद उनके पार्थिव शरीर को वाहन द्वारा आइजीआइएमएस गेट तक लाया गया.

वहां से उन्हें कंधे पर समनपुरा कब्रिस्तान ले जाया गया जहां बाकी बचे लोगों ने नमाज अता की. इसके बाद पुलिस की ओर से 10 फायरिंग कर सलामी दी गयी. मौके पर चारों बेटे डॉ वसीम अहमद, अहमद फातमी, अरशद फातमी और अमजद फातमी के अलावा दामाद फारुक साहब भी उपस्थित थे. इसके पहले पूर्व सीएम नीतीश कुमार भी उनके घर पर पहुंच कर अपनी श्रद्धांजलि और परिवार को सांत्वना दी.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष डा. अशोक चौधरी ने उर्दू साहित्यकार डा. कलीम अजिज व भोजपुरी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष डा. रविकांत दूबे के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि डा. अजिज ने उर्दू साहित्य की जो खिदमत की, उसे भुलाया नहीं जा सकता है. वे गंगा-जमुनी तहजीब के प्रतीक थे. उन्होंने कहा कि डा. दूबे भोजपुरी साहित्य के साथ हिन्दी व अंग्रेजी भाषा पर समान पकड़ रखनेवाले व्यक्ति थे. विधान मंडल दल के नेता सदानंद सिंह, परिषद के नेता डा. मदन मोहन झा, पूर्व विधायक डा. हरखु झा आदि ने भी श्रद्धांजलि दी. वहीं, पूर्व मंत्री श्रवण कुमार ने भी प्रो. कलीम अजिज के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि प्रो. कलीम अजिज ने नालंदा व बिहार ही नहीं अपितु पूरे देश का नाम शिक्षा व कला के क्षेत्र में रौशन किया. उनकी मृत्यु से बिहार व देश को अपूरणीय क्षति हुई है. ईश्वर इस दु:ख की घड़ी में उनके परिवार व शुभ चिंतकों को दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.

मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय में सोमवार को स्व पद्मश्री प्रो कलीम अहमद अजीज के निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में कुलपति प्रो एजाज अली अरशद, प्रतिकुलपति प्रो तौकीर आलम, रजिस्ट्रार प्रो चौधरी शफुद्र्दीन, परीक्षा नियंत्रक मो आलमगीर, फाइनेंस ऑफिसर अशोक कुमार समेत कई लोग मौजूद थे. सभी ने स्व अजीज के निधन पर शोक व्यक्त की और श्रद्धासुमन अर्पित किया. उन्होंने कहा कि वे काफी प्रतिभावान थे और उनकी अब तक 14 किताबें प्रकाशित हो चुकी थीं. वहीं उन्होंने 1857-1912 तक की उर्दू शायरी पर शोध किया था.

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