बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से जिले के 13 ब्लॉक में ड्रॉप आउट बच्चों को प्रशिक्षित किया जाना है. सर्व शिक्षा अभियान की ओर से प्रशिक्षण देने संबंधी सूचना प्रकाशित कर शिक्षकों का चयन किया गया है. इसमें लगभग 1500 बच्चे जुड़ेंगे.
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ड्रॉपआउट बच्चों की आवासीय पाठशाला 23 फरवरी से
पटना: स्कूलों में होने वाले ड्रॉप आउट रेट को कम करने के लिए स्कूल से बाहर बच्चों को छह माह के आवासीय प्रशिक्षण से जोड़ा जा रहा है. शुरुआत 23 फरवरी से पटना जिले के ग्रामीण इलाकों से होगी. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से जिले के 13 ब्लॉक में ड्रॉप आउट बच्चों को […]
पटना: स्कूलों में होने वाले ड्रॉप आउट रेट को कम करने के लिए स्कूल से बाहर बच्चों को छह माह के आवासीय प्रशिक्षण से जोड़ा जा रहा है. शुरुआत 23 फरवरी से पटना जिले के ग्रामीण इलाकों से होगी.
1500 बच्चों को आवासीय प्रशिक्षण : 13 ब्लॉक में लगभग 1200-1500 बच्चों को आवासीय प्रशिक्षण दिया जाना है. इसके लिए 26 सेंटर बनाये गये हैं. हर सेंटर पर 50-50 बच्चों को शिक्षित किया जायेगा. इसके अनुसार 11 से 14 वर्ष के बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार छह माह तक प्रशिक्षितकिया जायेगा. इसके लिए इंटर पास अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. उन्हें 3500 से 4000 हजार का मानदेय भी दिया जायेगा. छह माह बाद उन बच्चों को संबंधित क्षेत्रों के स्कूलों में नामांकन कराया जायेगा. साथ ही बच्चों की मॉनीटरिंग भी होगी. इससे वह रेगुलर स्कूल में पढ़ाई कर सकेंगे. सर्व शिक्षा अभियान के कार्यक्र म पदाधिकारी राम सागर ने बताया कि ड्रॉप आउट रेट को कम करने के लिए पहले ग्रामीण क्षेत्र के 13 ब्लॉक में आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है. शीघ्र ही पटना शहरी क्षेत्र में भी बच्चों को छह माह तक प्रशिक्षित कर दोबारा स्कूल से जोड़ा जायेगा.
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