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जिला कलेक्ट्रेट: अचानक बैठक, नये निर्देश निजाम बदलते ही प्रशासन भी बदला

पटना: बिहार में रविवार से फिर नीतीश कुमार सूबे के मुख्यमंत्री बन जायेंगे. अब सूबे के निजाम बदले हैं, तो फिर प्रशासन क्यों न बदले? जैसे ही उनके मुख्यमंत्री बनने की खबर तय हुई, प्रशासन भी बदला-बदला सा दिखाई दिया. पटना जिला कलेक्ट्रेट में डीएम ने सारे तय कार्यक्रम रद्द कर विधि व्यवस्था की बैठक […]

पटना: बिहार में रविवार से फिर नीतीश कुमार सूबे के मुख्यमंत्री बन जायेंगे. अब सूबे के निजाम बदले हैं, तो फिर प्रशासन क्यों न बदले? जैसे ही उनके मुख्यमंत्री बनने की खबर तय हुई, प्रशासन भी बदला-बदला सा दिखाई दिया. पटना जिला कलेक्ट्रेट में डीएम ने सारे तय कार्यक्रम रद्द कर विधि व्यवस्था की बैठक बुला ली और साफ किया कि विधि व्यवस्था बनाये रखना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

एसएसपी, सिटी एसपी, यातायात एसपी, ग्रामीण एसपी, सभी एसडीओ-एसडीपीओ आये. मौके पर डीएम अभय कुमार सिंह ने कहा कि विधि-व्यवस्था बनाये रखने में किसी भी स्तर पर भी कोताही बरती जाती है तो उसे गंभीरता से लिया जायेगा और जिम्मेवार पदाधिकारियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जायेगी. एसडीओ, एसडीपीओ को विधि व्यवस्था और जमीन विवाद से जुड़े एक-एक विवाद पर नजर बनाये रखने के लिए कहा गया, तो ट्रैफिक एसपी को यातायात व्यवस्था बेहतर बनाये रखने के निर्देश दिये गये.

डीएम ने सभी बीडीओ-सीओ को मुख्यालय में रहने और एनआइसी को उन पर नजर बनाये रखने के लिए कहा. एसएसपी द्वारा सभी पदाधिकारियों को संचार योजना तैयार कराने का निर्देश दिया गया. संचार योजना में क्षेत्र के वैसे लोग जिनसे विधि व्यवस्था बिगड़ने की कोई आशंका हो अथवा जिनका आपराधिक इतिहास हो, उनकी रिपोर्ट ली जाये और पंचायत स्तर पर गणमान्य लोग के साथ सरकारी/गैर सरकारी लोगों की सूची भी फोन नंबर के साथ रखें और उनका मामला निबटारे में उपयोग करें. ऐसा माहौल बनाएं कि गलत लोगों में कानून का डर पैदा हो. हरेक सप्ताह जिला स्तर पर विधि व्यवस्था की समीक्षा की जाये.
एसडीओ-एसडीपीओ को मिले ये टास्क
असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई करें.
आपराधिक घटनाओं की समीक्षा कर कार्रवाई करें.
यदि किसी अपराधी के जेल से निकलने पर समस्या होगी, तो उसे जेल में रखने का प्रस्ताव दें.
संवेदनशील इलाकों को चिह्न्ति करें.
सांप्रदायिक सद्भावना बिगाड़ने वाले असामाजिक तत्वों को चिह्न्ति कर एक्शन लें.
कब्रिस्तान की घेराबंदी तुरंत करें, ताकि किसी भी इलाके में सांप्रदायिक सद्भाव की स्थिति न बिगड़े.
सभी एसडीओ 15 दिनों के अंदर सीओ और थाना प्रभारी की संयुक्त रिपोर्ट से भूमि विवाद मामले निबटाएं.
भूमि विवाद में पक्षकारों के विरुद्ध धारा-107, 144 आदि के तहत तत्काल कार्रवाई करें.
15 दिनों में कैंप कोर्ट करें और जेलों का औचक निरीक्षण करें.
अवैध शराब और जुआखानों पर रोज कार्रवाई कर रिपोर्ट डीएम-एसपी को दें.
हर 15 दिनों में विधि व्यवस्था पर अपनी रिपोर्ट डीएम और एसएसपी को दें.
ट्रैफिक एसपी को दिये गये टास्क
यातायात नियमों का उल्लंघन करनेवालों के विरुद्ध सघन अभियान चलायें.
दोपहिया और चार पहिया वाहनों की औचक जांच नियमित करें.
बाइक पर हेलमेट नहीं पहनने और लहरिया कट वालों पर रोज कार्रवाई करें.
बीडीओ-सीओ को मिले टास्क
अनिवार्य रूप से अपने प्रखंड मुख्यालय में निवास करें.
रोज सुबह दस बजे वीसी के जरिये उपस्थिति दर्ज कराएं.
एनआइसी रोज सभी सीओ और बीडीओ की उपस्थित जांचेगी.

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