मेडिकल कॉलेजों में बढ़ीं सीटें बरकरार रखने की चुनौती

पटना: एमसीआइ ने राज्य के पुराने मेडिकल कॉलेज-अस्पतालों में इसी सत्र से एमबीबीएस की 50-50 अतिरिक्त सीटों पर नामांकन की अनुमति दे दी है. इन कॉलेजों में पहले से ही शैक्षणिक मापदंड पूरा नहीं था. अतिरिक्त सीटें मिलने के बाद गैप और बढ़ गया है. हर कॉलेज में 50 छात्रों के लिए शिक्षकों के पदों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2013 6:58 AM

पटना: एमसीआइ ने राज्य के पुराने मेडिकल कॉलेज-अस्पतालों में इसी सत्र से एमबीबीएस की 50-50 अतिरिक्त सीटों पर नामांकन की अनुमति दे दी है. इन कॉलेजों में पहले से ही शैक्षणिक मापदंड पूरा नहीं था. अतिरिक्त सीटें मिलने के बाद गैप और बढ़ गया है. हर कॉलेज में 50 छात्रों के लिए शिक्षकों के पदों का सृजन करना होगा. लैब व कक्षा में सीटें, पुस्तकालय में पुस्तकें व जर्नल औरछात्रावासकी सुविधाएं बढ़ानी होंगी. अगर सरकार ने सुविधाएं और शिक्षकों की संख्या नहीं बढ़ायी, तो एमसीआइ सीटों की संख्या घटा देगी या मान्यता नहीं देगी.

क्षमता आकलन की तैयारी : मुख्य सचिव द्वारा एमसीआइ को दी गयी अंडरटेकिंग पर पुराने मेडिकल कॉलेजों में 50-50 अतिरिक्त सीटों पर नामांकन की अनुमति मिली है. इसके लिए काउंसिल की ओर से किसी तरह की शर्त नहीं लगायी गयी है. बस यह निर्देश है कि आगामी सत्र तक आवश्यक मापदंडों को पूरा कर लिया जाना चाहिए. इसी आधार पर आगामी सत्र के लिए नामांकन की अनुमति दी जायेगी. अब स्वास्थ्य विभाग सभी पुराने मेडिकल कॉलेजों की क्षमता का आकलन करने की तैयारी में है.

विभाग को ओर से छह मेडिकल कॉलेजों के आंतरिक असेसमेंट के लिए 12 चिकित्सकों की टीम गठित की गयी है. एक मेडिकल कॉलेज का असेसमेंट दो चिकित्सक करेंगे. सभी चिकित्सक एमसीआइ के इंस्पेक्टर रह चुके हैं. विभाग के संयुक्त सचिव संजय कुमार ने बताया कि एमसीआइ के पूर्व इंस्पेक्टरों को ही रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेवारी दी गयी है. उन्हें कहा गया है कि जिस फॉर्मेट में एमसीआइ द्वारा रिपोर्ट तैयार की जाती है, उसी मापदंडों पर रिपोर्ट तैयार की जाये. वह रिपोर्ट सरकार को उपलब्ध करायी जाये. रिपोर्ट मिलने पर यह आकलन कराना आसान हो जायेगा कि किस मेडिकल कॉलेज की क्षमता क्या है.

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