पटना में हर माह फ्लैक्स बैनर का कारोबार हुआ 50 लाख रुपये- होर्डिंग
सस्ता होने के साथ ज्यादा है प्रभावी राजेश कुमार, पटना घर में शुभ काम हो या राजनीतिक कार्यक्रम. कंपनी के प्रचार-प्रचार की बात हो या अन्य काम. हर किसी ने फ्लैक्स बैनर को पसंद किया. नतीजा यह हुआ कि पांच वर्षों में इसके कारोबार में जबरदस्त वृद्धि हुई है. पांच वर्ष पूर्व जहां पटना में […]
सस्ता होने के साथ ज्यादा है प्रभावी राजेश कुमार, पटना घर में शुभ काम हो या राजनीतिक कार्यक्रम. कंपनी के प्रचार-प्रचार की बात हो या अन्य काम. हर किसी ने फ्लैक्स बैनर को पसंद किया. नतीजा यह हुआ कि पांच वर्षों में इसके कारोबार में जबरदस्त वृद्धि हुई है. पांच वर्ष पूर्व जहां पटना में 25 लाख रुपये का कारोबार हो रहा था. वर्तमान समय में यह कारोबार दोगुना होकर 50 लाख रुपये से अधिक हो गया है. पटना में ही इसके कारोबारियों की संख्या 105 से अधिक हो गयी है.पहले कमाई ज्यादा, क्वांटिटी कम : महाजन आर्ट्स के प्रोपराइटर शैलेश कुमार केसरी का कहना है कि पहले कमाई ज्यादा था. लेकिन क्वांटिटी कम था. यानी ऑर्डर कम था. अब स्थिति बदल गयी है. अब काम ज्यादा है, लेकिन कमाई कम हो गया है. प्रतिस्पर्द्धा काफी अधिक बढ़ गयी है. यह सस्ता होने के साथ ज्यादा प्रभावी भी है. बढ़ गया है क्रेज : श्री केसरी का कहना है कि फ्लैक्स बैनर का इतना क्रेज बढ़ गया है कि बड़े-बड़े नेता मंच पर आने से पहले पूछते हैं कि सही तरीके से फ्लैक्स लग गया है या नहीं. वे डिजाइन भी पहले देखते हैं. पहले जाना होता था दिल्ली : 2004 के पूर्व फ्लैक्स बैनर के काम के लिए दिल्ली जाना होता था. उस समय 25 रुपये स्क्वायर फीट में काम होता था. 2004 में जब कारोबार शुरू हुआ, तो 20 रुपये स्क्वायर फीट से बैनर बनाना शुरू किया. 11 साल में प्रतियोगिता इतनी बढ़ गयी कि अब सात रुपये स्क्वायर फीट में काम हो रहा है. इस काम में आठ से दस बड़े उद्यमी भी लगे हैं.