बिस्कोमान की जमीन पर बनेगा किसान मार्ट

पटना: बिस्कोमान की जमीन पर किसान मार्ट बनेगा. किसानों के हित में ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए इसका व्यावसायिक इस्तेमाल होगा. प्रथम चरण में नालंदा के हरनौत, अररिया के फारबिसगंज, मधेपुरा और गोपालगंज में किसान मार्ट बनेगा. बाद में अन्य शहरों में बिस्कोमान की जमीन पर किसान मार्ट बनेगा. रोजगार की संभावना भी बढ़ेगी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2013 6:47 AM

पटना: बिस्कोमान की जमीन पर किसान मार्ट बनेगा. किसानों के हित में ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए इसका व्यावसायिक इस्तेमाल होगा. प्रथम चरण में नालंदा के हरनौत, अररिया के फारबिसगंज, मधेपुरा और गोपालगंज में किसान मार्ट बनेगा. बाद में अन्य शहरों में बिस्कोमान की जमीन पर किसान मार्ट बनेगा. रोजगार की संभावना भी बढ़ेगी. मार्ट में पैक्स सहित अन्य सहकारी संस्थाओं को किराया पर दुकान और कमरा आवंटन में प्राथमिकता दी जायेगी.

चार-छह करोड़ आयेंगे खर्च
बिहार और झारखंड के कई शहरों में बिस्कोमान की जमीन है. बिस्कोमान की लगभग 800 करोड़ की संपत्ति है. एक स्थान पर किसान मार्ट बनाने के लिए लगभग चार से छह करोड़ रुपये खर्च होंगे. तीन से पांच एकड़ जमीन पर तीन तल्ला किसान मार्ट बनेगा. राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) से इसके निर्माण के लिए आर्थिक सहायता ली जायेगी. आवश्यकतानुसार बैंकों से ऋण भी लिया जायेगा. किसान मार्ट में सहकारी संस्थाओं को खाद और बीज का व्यापार के लिए दुकान आवंटन में प्राथमिकता दी जायेगी. इसमें कृषि यंत्र की दुकानें भी होंगी.

कृषि यंत्र बैंक भी होगा
कृषि यंत्र बैंक भी संचालित किया जायेगा. इसमें बिस्कोमान का स्थानीय कार्यालय भी होगा. बिस्कोमान बोर्ड या प्रशासन का प्रयास है कि किसान मार्ट में किसानों की सुविधा के सभी आवश्यक सामान उपलब्ध हो. 1988 से 2003 तक राज्य की सभी सहकारी संस्थाएं अवक्रमित (भंग) रहीं. इस कारण बिस्कोमान का भी समुचित विकास नहीं हो सका. 2003 में उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बिस्कोमान निदेशक मंडल काम करने लगा और स्थिति सुधरी. 2011 में राज्य सरकार ने फिर एक बार पैक्स को छोड़ कर अन्य सहकारी संस्थाओं को अवक्रमित कर दिया. हाइकोर्ट के निर्देश के बाद नवंबर 2012 में राज्य के सभी शीर्ष सहकारी संस्थाओं के चुनाव के बाद निदेशक मंडल काम करने लगा.

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