स्वाइन फ्लू: डरें नहीं, उचित इलाज कराएं

पटना: स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र ने आम लोगों से स्वाइन फ्लू को लेकर अधिक चिंतित नहीं होने की अपील की है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है और लोगों के साथ खड़ा है. शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी रोकथाम को लेकर 5000 टैमी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2015 7:17 AM
पटना: स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र ने आम लोगों से स्वाइन फ्लू को लेकर अधिक चिंतित नहीं होने की अपील की है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है और लोगों के साथ खड़ा है. शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी रोकथाम को लेकर 5000 टैमी फ्लू टैबलेट मंगवाया गया है, जिसमें से 1200 टैबलेट पटना जिला के विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया है. ऐसा इसलिए, क्योंकि जांच में पॉजिटिव मिले 13 मरीजों में 12 पटना के ही रहने वाले हैं. इस दौरान स्वास्थ्य सचिव आनंद किशोर, कॉरपोरेशन के एमडी डीके शुक्ला, सिविल सजर्न डॉ केके मिश्र, स्वास्थ्य समिति के प्रशासी पदाधिकारी रजनीश कुमार व आरएमआरआइ के निदेशक प्रदीप दास भी मौजूद रहे.
श्री मेहरोत्र ने कहा कि रविवार तक 20 हजार टैमी फ्लू के टैबलेट और आ जायेंगे, जिसका वितरण सभी अस्पतालों में किया जायेगा. फिलहाल उन कर्मचारियों व चिकित्सकों को वैक्सीन दिया जा रहा है, जो स्वाइन फ्लू मरीजों का इलाज या देखभाल कर रहे हैं. पूरे देश में वैक्सीन कम है. बावजूद इसके वैक्सीन मंगवाया जा रहा है.
सिर्फ आरएमआरआइ में ही जांच, चार अस्पतालों में वार्ड
आरएमआरआइ में जांच व आइडीएच, एनएमसीएच, गुरुगोविंद सिंह अस्पताल, पीएमसीएच में वार्ड बनाये गये हैं, जहां मरीजों को रख कर इलाज किया जा रहा है. अगर जरूरत पड़ी, तो बेडों की संख्या बढ़ायी जायेगी. मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिये हर जिला में नोडल ऑफिसर बनाये गये हैं.
प्रधान सचिव का निर्देश
बिहार के सभी अस्पतालों में मरीज का प्राथमिक जांच हो, कोई चिकित्सक यह नहीं कहे कि तुम्हें स्वाइन फ्लू हो सकता है और तुम आरएमआरआइ जाओ.
मरीज को लेकर आनेवाले की भी जांच करायी जाये. अगर दवा की जरूरत हो, उसे दवा वरना टीका दिया जाये.
सभी सिविल सजर्न अपने जिला में हर दिन मॉनिटरिंग करें कि उनके जिला में ऐसा कोई मरीज, तो नहीं हैं
निजी अस्पतालों में अगर कोई मरीज इलाज के लिए आता है, तो उसकी जानकारी सिविल सजर्न को जरूर रहे
जहां चिकित्सकों की टीम लगायी गयी है उसकी हर दिन सिविल सजर्न मॉनिटरिंग करें और कितने मरीज को आरएमआरआइ भेजा गया उसकी जानकारी लें
बैनर, पोस्टर, ऑडियो, वीडियो से प्रचार से लोगों में क्या जागरूकता है इसका भी ब्योरा तैयार करें
स्वास्थ्य विभाग का दावा
हर जिला अस्पताल में पांच बेड का आइसोलेटेड
वार्ड तैयार किया जाये. इसके अतिरिक्त स्वाइन
फ्लू के इलाज करने के लिए संक्रामक रोग
अस्पताल में 40 बेड, पीएमसीएच और एनएमसीएच में 30-30 बेड.
जिला अस्पतालों में स्वाइन फ्लू जांच के लिये वायरल ट्रांसपोर्ट मीडिया उपलब्ध करा दिया गया है
ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम, जो हर दिन चलाये जा रहे हैं
रेलवे स्टेशन पर लोगों की स्क्रीनिंग एवं बस स्टैंड व एयरपोर्ट पर ऑडियो वीडियो सिस्टम के जरिये प्रचार प्रसार
जहां से मरीज मिले हैं उनके घरवालों को टीका या दवा दी जा रही है
नगर निगम के जरिये गंदी बस्ती, जहां सूअर अधिक है, वहां सफाई अभियान चलाया जाये
राज्य स्तर पर स्वाइन फ्लू की रोकथाम में सहयोग के लिए एक नियंत्रण कक्ष संचालित किया गया है, जिसका नंबर 0612-2215505 है.

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