राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति का मसविदा आम गरीबों के हक में नहीं

पटना. राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2015 का मसविदा आम गरीबों के हक में नहीं हैं. इस मसविदा में स्वास्थ्य के निजी क्षेत्रों को बढ़ावा दिया गया है, जिससे गरीब मरीजों का इलाज और महंगा होगा और वह सरकारी स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण सुविधाओं से भी वंचित रहेंगे. ये बातें शुक्रवार को एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट में आयोजित कार्यक्रम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2015 3:03 PM

पटना. राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2015 का मसविदा आम गरीबों के हक में नहीं हैं. इस मसविदा में स्वास्थ्य के निजी क्षेत्रों को बढ़ावा दिया गया है, जिससे गरीब मरीजों का इलाज और महंगा होगा और वह सरकारी स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण सुविधाओं से भी वंचित रहेंगे. ये बातें शुक्रवार को एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट में आयोजित कार्यक्रम में डॉ शकील ने कहीं. उन्होंने कहा कि मसविदे में कुछ बेहतर सुझाव है, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए पर कुछ महत्वपूर्ण मसलों पर पुनर्विचार की जरूरत है. यह जरूरी है कि इसमें उन पहलुओं पर ध्यान दिया जाये, जिससे गरीब मरीजों की जिंदगी दांव पर नहीं लगे. एक तरफ सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की बात की जा रही है और दूसरी ओर निजी संस्थानों के लिए दरवाजे खोले जा रहे हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को सबों तक पहुंचाने का लक्ष्य है. साथ ही यह कहा जा रहा है कि प्राथमिक स्वास्थ्य में द्वितीय व तृतीय स्तर सेवाओं में सरकार निजी संस्थानों से मदद लेगी. इससे मरीजों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा. कार्यक्रम में 50 से अधिक संगठनों ने हिस्सा लिया.

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