पटना : पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एकबार फिर विवादित बयान देते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ठहरने के लिए दिल्ली स्थित बिहार निवास को गंगा जल से धोया जाता है. पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मांझी ने हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) नामक एक नया मोर्चा बनाये जाने की आज घोषणा की और आरोप लगाया कि जब वे दिल्ली स्थित बिहार निवास गए तो उन्होंने पाया कि चूंकि वह पहले वहां ठहरे हुए थे इसलिए निवास को गंगाजल से धोया जा रहा था.
उन्होंने आरोप लगाया कि जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद से हटे तो दो, स्ट्रैंड रोड स्थित अपने अस्थाई आवास को सजाने-संवारने पर दो करोड रुपये खर्च किए तथा कुछ दिनों रहने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें आवंटित सात, सर्कुलर रोड स्थित आवास को 50 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च कर मुख्यमंत्री निवास की तरह बनवा लिया. यह राशि कहां खर्च हो रही उन्हें नजर नहीं आया.
प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से गत 20 फरवरी को इस्तीफा दे चुके मांझी ने कहा, मुझसे कहा गया था कि आप राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा कर दें, जबतक चुनाव नहीं होगा आप कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे. यानि नौ महीना उधर मुख्यमंत्री रहने के बाद छह महीना और मुख्यमंत्री पर बने रहने से मुझे कोई नहीं रोकता लेकिन मैंने विधायकों के नुकसान को देखते हुए ऐसा नहीं किया. मांझी ने आरोप लगाया कि उन्हें निचले तबके (महादलित) के होने के कारण नीतीश कुमार ने उन्हें कठपुतली बनाकर स्वयं मुख्यमंत्री के रुप में काम करना चाहा, लेकिन यह उनकी गलतफहमी थी.
उन्होंने अपने कार्यकाल के अंतिम समय में लिए गए निर्णयों की ओर इशारा करते हुए कहा कि नौ महीने तो कहने को वे मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे पर सच्चाई यह है कि उन्होंने केवल 7 फरवरी से 19 फरवरी तक काम किया. मांझी ने नीतीश पर प्रहार करते हुए कहा कि उन्होंने ये 12 दिन ही सही मायने में काम किए, नहीं तो बाकी समय नोकझोंक में और यस सर-यस सर करते हुए बिता दिए.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अब उनके द्वारा लिए गए निर्णयों की समीक्षा की बात कर रहे हैं तो वे उनसे कहेंगे कि वे ऐसा जल्दी करें ताकि जनता उनकी मंशा को समझ जाए. इस बीच, जद(यू) के बिहार अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने मांझी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि नीतीश दिल्ली जाते थे तो बिहार निवास में नहीं ठहरते थे, बल्कि बिहार भवन में ठहरते थे.