पटना: इस सम्मेलन की भीड़-भाड़ के एक किनारे पर मैदान के 25 नंबर ब्लॉक के पास एक स्टॉल लगा था. इसमें दो लड़के युवाओं को बुला कर एक परचा भरवा रहे थे. यह परचा सिर्फ युवाओं से ही भरवाया जा रहा था. बुजुर्ग या वरिष्ठ लोगों को यह परचा नहीं दिया जा रहा था. यंग इंडिया नाम के इस स्टॉल नीतीश कुमार का फोटो लगा था.
परचा देने वाले एक लड़के ने अपना नाम रमण बताया. संस्थान के बारे में पूछने पर वह सिर्फ इतना ही पता रहा था कि यह ‘यंग’ नाम का एनजीओ है, जिसे नीतीश कुमार ने खोला है. उनके समर्थन में इसके सदस्य बनिए. इससे ज्यादा वह जानकारी नहीं दे रहा था. जो ज्यादा कुछ पूछते, उनसे परचा लेकर कहता रहने दीजिए, आप मत भरिये. वह यह भी कह रहा था कि ज्यादा पूछने वाला भाजपा का एजेंट हो सकता है, इसलिए उसने बताया कि कुछ अधिक नहीं बतायेगा.
परचा में संबंधित युवा से व्यक्तिगत सूचना और चुनाव क्षेत्र संबंधित जानकारी भरवायी जा रही थी. युवाओं से अपना मोबाइल नंबर देने के लिए अनिवार्य रूप से कहा जा रहा था. इस पर नीतीश कुमार का फोटो भी बना हुआ है. परचा भरने के बाद इसका भरा हुआ हिस्सा रखा लिया जाता था और दूसरा हिस्सा युवक को दे दिया जाता था. किसी-किसी से दोनों हिस्से ले लिये जाते थे. युवा को देने वाले हिस्से में यंग क्या है, यंग क्या करता है दोनों बातें संक्षेप में बतायी गयी है. नीचे यंग डॉट ओआरजी डॉट इन का वेबसाइट पता भी लिखा है, लेकिन इस वेबसाइट को खोलने पर मैसेज बताया है कि ‘कॉमिंग सुन’ यानी यह साइट चालू नहीं है. परचा पर फोन नंबर भी लिखा है, लेकिन इस पर कोई जवाब नहीं देता है. इस सम्मेलन में इस तरह एक संस्थान का स्टॉल लगा कर अजीबो-गरीब दावे करना आश्चर्यजनक लग रहा था.