मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पटना सिविल कोर्ट का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है. सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे कि गंगा के किनारे पानी का बहाव हो और पर्यटन के उद्देश्य से यातायात का भी परिचालन भी हो सके. इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से भी मदद लेने का सुझाव दिया. सुनवाई के दौरान जहाजरानी व परिवहन मंत्रलय के निदेशक गुरुमुख सिंह, खान विभाग के प्रधान सचिव शिशिर सिन्हा और पटना के डीएम अभय कुमार सिंह उपस्थित थे.
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सिविल कोर्ट के इर्द-गिर्द नदी किनारे कम-से-कम 50 मीटर चौड़ा गड्ढा खोद कर पानी का बहाव सुनिश्चित करना चाहिए. कोर्ट ने अफसरों से कहा कि हम ऐसे मामलों के विशेषज्ञ नहीं है, आप लोग विशेषज्ञ हैं. हर हाल में गंगा को लाइव रीवर बनाने की दिशा में काम आगे बढ़ाइए. अधिकारियों ने मुख्य न्यायाधीश को बताया कि 2002 में एक बार सरकार ने कोशिश की थी. राजस्थानी ट्रैक्टर से गड्ढा खोद कर पानी लाने की कोशिश हुई थी, लेकिन कुछ दिनों बाद सब नष्ट हो गया. इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार की मदद लेने की सलाह दी.