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स्वाइन फ्लू: तीन दिनों में मिले 22 नये मरीज
पटना: स्वाइन फ्लू मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले तीन दिनों में 58 संदिग्ध मरीजों की जांच हुई, जिनमें 22 स्वाइन फ्लू के मरीज मिले. एक मरीज पीएमसीएच में जबकि 12 मरीज संक्रामक रोग अस्पताल, अगमकुआं (आइडीएच) में भरती हैं. ग्यारह दिनों में 409 सैंपल की जांच की गयी,जिनमें 94 पॉजिटिव पाये गये. […]
पटना: स्वाइन फ्लू मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले तीन दिनों में 58 संदिग्ध मरीजों की जांच हुई, जिनमें 22 स्वाइन फ्लू के मरीज मिले. एक मरीज पीएमसीएच में जबकि 12 मरीज संक्रामक रोग अस्पताल, अगमकुआं (आइडीएच) में भरती हैं. ग्यारह दिनों में 409 सैंपल की जांच की गयी,जिनमें 94 पॉजिटिव पाये गये. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर सभी सरकारी चिकित्सकों की छुट्टी रद्द कर दी गयी है.
अब तक 409 लोगों की जांच लैब में हुई है, जिनमें 94 लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं. सभी मरीजों का ब्योरा विभाग को भेज दिया गया है. दो दिनों में मरीजों की भीड़ कम हुई है. शनिवार को जांच के लिए 22 सैंपल लाये गये,जिनमें सात पॉजिटिव मिले.
डॉ प्रदीप दास, निदेशक, आरएमआरआइ
जिले में कहीं से बड़ी घटना की सूचना नहीं है. स्वाइन फ्लू जांच के लिए रेलवे स्टेशन पर चिकित्सक तैनात थे. जिन लोगों को जांच के लिए आरएमआरआइ भेजने की जरूरत थी, उन्हें वहां भेजा भी गया है.
डॉ के.के.मिश्र, सिविल सजर्न, पटना
वार्ड में भरती एक मरीज का इलाज चल रहा है. दो दिनों में आरएमआरआइ में जांच के लिए चार सैंपल भेजे गये हैं. वार्ड में भरती मरीज की चिकित्सक मॉनीटरिंग कर रहे हैं.
डॉ सुधांशु सिंह, उपाधीक्षक,पीएमसीएच
रोकथाम की गहराई से समीक्षा हो : सीएम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के कार्यो की समीक्षा की. उन्होंने स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए नयी व्यवस्था की गहराई से समीक्षा की और निर्देश दिया कि स्वाइन फ्लू की चुनौती को चिकित्सक स्वीकार करें. राज्य में स्वाइन फ्लू को फैलने से रोकें. स्वाइन फ्लू से ग्रस्त मरीजों का उपचार सही ढंग से कराया जाये. जिन क्षेत्रों में स्वाइन फ्लू का पॉजिटिव मरीज मिले हैं, वहां साफ -सफाई व टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया जाये. नयी पीढ़ी स्वास्थ्य गारंटी कार्यक्रम को जारी रखते हुए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत इस योजना के लिए मिल रही कांपोनेंट के अतिरिक्त व्यय होने वाली राशि का वहन राज्य सरकार वहन करेगी. सभी बच्चों के स्वास्थ्य जांच प्रति वर्ष करायी जाये. पीएचसी में पदस्थापित चिकित्सक विद्यालयों में जाकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करें. चिकित्सीय जांच, दवा इत्यादि पर होने वाले व्यय का वहन राज्य सरकार करेगी. बच्चों के हेल्थ कार्ड को हर साल अपडेट किया जाये.
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