घट सकता है बिहार, असम, त्रिपुरा का केंद्रीय करों में हिस्सा
नयी दिल्ली : 14वें वित्त आयोग की सिफारिश के आधार पर बिहार, असम, त्रिपुरा और उत्तराखंड जैसे राज्यों का केंद्रीय करों में हिस्सा घट सकता है, हालांकि आयोग ने विभाजनीय कर राजस्व में राज्यों की कुल हिस्सेदारी 10 प्रतिशत बढ़ा कर 42 प्रतिशत कर दी है.14वेंं वित्त आयोग की सिफारिशों के बाद संसाधनों की स्थिति […]
नयी दिल्ली : 14वें वित्त आयोग की सिफारिश के आधार पर बिहार, असम, त्रिपुरा और उत्तराखंड जैसे राज्यों का केंद्रीय करों में हिस्सा घट सकता है, हालांकि आयोग ने विभाजनीय कर राजस्व में राज्यों की कुल हिस्सेदारी 10 प्रतिशत बढ़ा कर 42 प्रतिशत कर दी है.14वेंं वित्त आयोग की सिफारिशों के बाद संसाधनों की स्थिति का आकलन करने से लगता है कि उत्तराखंड और त्रिपुरा सबसे अधिक प्रभावित राज्य होंगे और उन्हें उनकी मौजूदा योजना के करीब 30 प्रतिशत के बराबर नुकसान हो सकता है.सूत्रों ने बताया कि उत्तराखंड को करीब 2,800 करोड़ रुपये का और त्रिपुरा को करीब 1,500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है. चालू वित्तीय वर्ष में उत्तराखंड की सालाना योजना 9,700 करोड़ रुपये और त्रिपुरा की 4,850 करोड़ रुपये है.बिहार पहला राज्य है, जिसने इस रपट पर अपनी नाखुशी जाहिर की है. उसे करीब 1,200 करोड़ रुपये कम मिलेंगे, जबकि असम को बिहार के मुकाबले दोगुना नुकसान होगा.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 14वें वित्त आयेाग की सिफारिशें को निराशाजनक बताया और राज्य को होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं करने की स्थिति में उच्चतम न्यायालय जाने की धमकी दी.उन्होंने कहा था, बिहार को 13वें वित्त आयेाग की रपट के मुकाबले 14वें वित्त आयोग की सिफारिश के कारण करीब 1.3 प्रतिशत का नुकसान होगा.” इसी तरह तमिलनाडु को 50,660 करोड़ रुपये के योजना आकार में से करीब 2,700 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है. 14वें वित्त आयेाग ने विशेष वर्ग में आने वाले कुछ राज्यों को दिया जाने वाला अनुदान खत्म कर दिया है. हर तरह के विशेष अनुदान को हस्तांतरण फॉर्मूले में मिला दिया गया है.