गड़बड़ी पाये जाने पर पिछली सरकार के 350 ठेके किये रद्द

बिहार में पिछली महागठबंधन सरकार के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति के सिलसिले में दिये गये 826 करोड़ रुपये के अनुबंध को रद्द कर दिया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 26, 2024 1:43 AM

संवाददाता, पटना बिहार में पिछली महागठबंधन सरकार के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति के सिलसिले में दिये गये 826 करोड़ रुपये के अनुबंध को रद्द कर दिया गया है. राज्य के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) मंत्री नीरज कुमार सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए मंगलवार को यह जानकारी दी. यह कार्रवाई ठेकेदारों की चयन प्रक्रिया में ””अनियमितताओं”” का हवाला देते हुए की गयी है. गौरतलब है कि 17 महीने राजद के साथ चली महागठबंधन सरकार में पीएचइडी मंत्रालय राजद कोर्ट के मंत्री ललित यादव के पास था. मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा कि 17 महीनों में पिछली सरकार ने पीएचइडी विभाग के 4600 करोड़ रुपये के कुल 1160 ठेके दिए थे. हमने अब तक 350 अनुबंध रद्द कर दिए हैं, शेष की जांच की जा रही है. हालांकि, मंत्री ने विभाग के अधिकारियों द्वारा पकड़ी गयी अनियमितताओं का ब्योरा अभी साझा नहीं किया है. उन्होंने कहा कि इनके बारे में बताने का यह उचित समय नहीं है, क्योंकि मामले की जांच एक सक्षम प्राधिकारी द्वारा की जा रही है. अनुबंध रद्द होने में बांका जिला सबसे ऊपर : अब तक मिली जानकारी के अनुसार, तैयार दस्तावेजों में बांका जिला इस सूची में सबसे ऊपर है, जहां ग्रामीण जलापूर्ति प्रणाली से संबंधित अधिकतम 106 अनुबंध रद्द किए गए हैं. इसके अलावा जमुई में 73, लखीसराय में 20, औरंगाबाद में 18 और आरा में 11 अनुबंध रद्द किये गये हैं. एनडीए सरकार ने दिया था जांच के आदेश : इस साल जनवरी में राजद से नाता तोड़कर जदयू ने वापस एनडीए में शामिल होकर सरकार बनायी थी. सत्ता संभालने के तुरंत बाद फरवरी 2024 में राजग सरकार ने पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव और पिछली महागठबंधन सरकार में राजद कोटे से उनके दो तत्कालीन मंत्रियों –ललित यादव और रामानंद यादव के प्रभार वाले विभागों द्वारा लिये गये सभी निर्णयों की समीक्षा का आदेश दिया था. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले कैबिनेट सचिवालय विभाग की ओर से 16 फरवरी 2024 को जारी पत्र में स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास एवं आवास और ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों को भी राज्य में पिछली महागठबंधन सरकार के दौरान लिये गये निर्णयों की समीक्षा करने को कहा गया था. इन विभागों के प्रमुख तेजस्वी यादव थे. कोट विभागीय जांच में मालूम हुआ है कि पिछली महागठबंधन की सरकार के दौरान ग्रामीण जलापूर्ति व्यवस्था से जुड़े 350 ठेके जिसमें 826 करोड़ रुपये के आवंटन में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था. ये ठेका चापाकल निजी जलापूर्ति योजना आदि से संबंधित है. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद इन ठेकों का आवंटन रद्द कर दिया गया है. इन ठेकों से जुड़ी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी गयी है. सीमक्षा के बाद दोषी पर सख्त कार्रवाई होगी. नीरज कुमार सिंह, मंत्री, पीएचइडी.

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