पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज विधानसभा में विश्वासमत हासिल किया. विश्वासमत प्रस्ताव के पक्ष में 140वोट पड़े जबकि विरोध में कोई मत नहीं पड़ा, क्योंकि विपक्षी भाजपा के विधायक सदन से वाक आउट कर गये थेऔर मांझी गुट के विधायकों ने भी नीतीश कुमार के पक्ष में मतदान किया था.
नीतीश कुमार के भाषण के बाद स्पीकर ने ध्वनिमत से विश्वासमत प्रस्ताव को पारित कराने का प्रयास किया. लेकिन सत्तापक्ष की ओर से मांग की गयी कि लॉबी डिवीजन के जरिये विश्वासमत प्रस्ताव का निर्णय हो, ताकि जनता किसी दुविधा में न रहे. अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी कहा कि पिछले कुछ समय से भाजपा ने प्रदेश में काफी भ्रम फैलाया है, इसलिए भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए लॉबी डिवीजन होना बहुत जरूरी है. चूंकि विपक्ष सदन से वाक आउट कर गया है, इसलिए नीतीश सरकार का विश्वासमत जीतना निश्चित है.मांझी का साथ देने वाले विधायकों ने भी विधायकी जाने के डर से नीतीश कुमार के पक्ष में मतदान किया है.
विश्वासमत प्रस्ताव पर नीतीश कुमार के भाषण के बीच विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि हमारा सवाल आपसे यह था कि आपने मांझी को हटाने का फैसला क्यों किया. लेकिन आप इस मुद्दे पर कोई सफाई नहीं दे रहे हैं. नंदकिशोर ने एक शेर सुनाया कि – हंसी-ठहाकों से किसे गुरेज है, लेकिन जगहंसाई अच्छी नहीं लगती. उन्होंने कहा कि आपकी सफाई से हम संतुष्ट नहीं है और भाजपा के सदस्य सदन का बहिष्कार करके चले गये.
उनके जाने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के बाद चारों ओर मेरे इस निर्णय का विरोध हो रहा था. मैं जहां भी गया, लोगों ने कहा कि आपने गलत फैसला किया है, तो मुझे अपनी भूल का अहसास हुआ और पार्टी ने मुझे दोबारा मुख्यमंत्री पद स्वीकार करने का आदेश दिया, जिसका मैंने पालन किया. उन्होंने कहा कि झारखंड में भी भाजपा ने सत्ता के लिए बाबूलाल मरांडी की पार्टी को तोड़ा और बहुमत प्राप्त किया. उन्होंने कहा कि भाजपा जब आडवाणी , मुरली मनोहर और श्यामा प्रसाद की नहीं हुई, तो वह किसी की क्या होगी. भाजपा सिर्फ सत्ता की है, वह हर फैसला सत्ता के लिए करती है.
विश्वासमत प्रस्ताव पर हुई चर्चा के बाद जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि आज भाजपा हमारे विरोध में खड़ी है, कभी वह हमारे साथ थी और हमारे पक्ष में भाषण देती थी. इसलिए उसे कोई अधिकार नहीं है कि वह जदयू और राजद गंठबंधन पर टिप्पणी करे और पुराने बयानों का हवाला दे. नीतीश कुमार ने भाजपा पर यह आरोप लगाया कि जनता को धोखा देने वाली पार्टी है. कालाधन के मुद्दे पर सरकार ने जिस तरह यू-टर्न लिया वह जनता के साथ धोखा है. नीतीश कुमार ने कहा कि हमने इनकी सच्चाई ऑडियो क्लिप के जरिये जनता के सामने रखी है.
भाषण के दौरान नीतीश कुमार ने नंदकिशोर यादव पर खूब चुटकी ली और कहा कि पहले यह अपना नारा गढ़ते थे लेकिन आज वे इधर-उधर की बात करते रह गये. मांझी के मुद्दे पर भाजपा पर कटाक्ष करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि पहले तो आपने कहा कि यह हमारी पार्टी का मुद्दा है, अगर यह हमारी पार्टी का मुद्दा था, तो आप इसमें क्यों कूदे. क्या भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन नहीं होता है. हमारी पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन हो रहा था, तो आप क्यों परेशान थे. इसपर भाजपा की ओर से टिप्पणी हुई कि यह महादलित का अपमान था. इसपर नीतीश कुमार ने कहा कि ठीक है, अब दलित का सम्मान तभी होगा, जब आप जय श्रीराम की जगह जय जीतनराम कहकर चुनाव में उतरें.नीतीश कुमार ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में भाजपा का असली चेहरा सामने आया है. जिस तरह आपने इस पूरे प्रकरण का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की वह पूरी तरह से अनैतिक है. नीतीश कुमार ने कहा कि गंठबंधन टूटने के बाद हमने भाजपा के साथियों से कहा था कि आप मिलकर बात करें, लेकिन भाजपा बातचीत के लिए तैयार नहीं हुई. अगर उस वक्त भाजपा यह कहती कि विधानसभा भंग कर दिया जाये, तो हम ऐसा कर देते. लेकिन भाजपा बातचीत के लिए नहीं आयी. उस वक्त विधानसभा का कार्यकाल ढाई साल शेष था, ऐसे में मैंने सरकार चलाने का फैसला किया. नीतीश कुमार ने अपने भाषण के दौरान भाजपा सरकार के गंठबंधनों पर खूब परिहास किया. भाजपा और पीडीपी के गंठबंधन पर नीतीश कुमार ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी की शारीरिक मृत्यु तो 1953 में हुई थी, लेकिन उनकी वैचारिक हत्या भाजपा ने यह गंठबंधन के जरिये की है.
नीतीश कुमार के भाषण के दौरान हंगामा तब बहुत बढ़ गया, जब उन्होंने भाजपा पर यह आरोप लगाया कि आपने अपने वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का अपमान किया और मुरली मनोहर जोशी को हाशिये पर ले आये. नीतीश की इस टिप्पणी पर भाजपा की ओर से विरोध हुआ और यह कहा गया कि आपने जॉर्ज फर्नाडिस के साथ क्या किया. नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा का अहंकार उसे ले डूबेगा. आप अहंकार में इतने मस्त हो गये हैं कि आप संविधान के विरुद्ध जाकर हमारी पार्टी को तोड़ने में जुटे थे. लेकिन आपकी दाल नहीं गली. अगर आपकी दाल गली होती, हमारी पार्टी टूट गयी होती, लेकिन मैं अपनी पार्टी के सदस्यों को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उनकी चट्टानी एकता के कारण हम एक हैं.
बिहार विधानसभा में पेश विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुएराजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने प्रस्ताव का समर्थन किया. उन्होंने भाजपा नेता नंदकिशोर यादव के भाषण की निंदा की और कहा कि उन्होंने निरर्थक भाषण दिया. सिद्दीकी ने कहा कि यादव ने एक बार भी प्रदेश का हित कैसे साधा जाये, इसपर कोई टिप्पणी नहीं की. न तो उन्होंने भ्रष्टाचार मिटाने की बात कही और न ही उन्होंने यह कहा कि रोजगार कैसे उपलब्ध कराया जाये. उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ नेता असंसदीय भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा दलित और महादलित होने की हितैषी होने का दावा कर रही है, लेकिन क्या भाजपा में हिम्मत है कि वह बिहार में किसी दलित को सीएम उम्मीदवार घोषित कर सके. उन्होंने कहा कि भाजपा का चरित्र दोहरा है. वह कभी भी दलितों को सम्मान नहीं देना चाहती है.
विश्वासमत प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा और कहा कि उनकी महत्वकांक्षा के कारण बिहार में जदयू और भाजपा का गंठबंधन टूटा. नंदकिशोर यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के मन में प्रधानमंत्री बनने की इच्छा है, जिसके कारण उन्होंने भाजपा के साथ धोखा किया.
नंदकिशोर यादव ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि विश्वासमत से पहले आखिर कैसे राज्यपाल का अभिभाषण हुआ. उन्होंने नीतीश कुमार निशाना साधते हुए कहा कि जो लालू यादव उनके बारे में अपशब्द कहा करते थे, वही आज उनके सलाहकार बने हुए हैं. जब हम मुख्यमंत्री के सलाहकार थे, तो बिहार विकास के पथ पर अग्रसर था, लेकिन जब से सलाहकार बदले हैं, बिहार बदहाली की ओर जा रहा है. यादव ने नीतीश और लालू यादव की दोस्ती पर भी खूब चुटकी ली. उन्होंने कहा कि इस दोस्ती को जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी.
नंदकिशोर यादव ने कहा कि हम पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि हम प्रदेश में चुनाव कराने की जल्दी में हैं, जबकि हमें चुनाव की जल्दी नहीं है, हम छह महीने तक इंतजार कर सकते हैं उसके बाद जनता का आशीर्वाद लेकर आयेंगे. उन्होंने नीतीश कुमार पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने प्रदेश का बंटाधार कर दिया.
बिहार विधानसभा में पेश विश्वासमत का कांग्रेस ने समर्थन किया और कहा कि जदयू जैसी धर्मनिरपेक्ष पार्टी का भाजपा के साथ गंठबंधन हो ही नहीं सकता, इसलिए कांग्रेस पार्टी पिछले 17 वर्षों से इस गंठबंधन के टूटने का इंतजार कर रही थी.
वहीं प्रस्ताव के पक्ष में बोलते हुए जदयू विधायक मंजीत सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा दलित विरोधी हैं और उसने विधानसभा अध्यक्ष पर भी इस मुद्दे को लेकर निशाना साधा. वहीं प्रस्ताव के विरोध में बोलते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज दोपहर लगभग 12.45 बजे विधानसभा में विश्वासमत का प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गयी है. प्रस्ताव के पक्ष और विपक्ष में बोलने के लिए तीन घंटे का समय निर्धारित किया गया है. उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपना जवाब देंगे और प्रस्ताव पर मतदान होगा.
गौरतलब है कि जीतन राम मांझी द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिये जाने के बाद प्रदेश में नयी सरकार का गठन हुआ है. नयी सरकार के मुखिया नीतीश कुमार है, जिन्हें आज सदन में विश्वासमत प्राप्त करना है.
12.45 – बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में विश्वासमत का प्रस्ताव रखा.
12.15-विपक्ष का हंगामा जारी, राज्यपाल ने भाजपा विधायकों को शांत रहने को कहा
12.01- हरित क्रांति लाने के लिए सरकार अग्रसर
12.00-अभिभाषण के दौरान विपक्ष का हंगामा जारी
11.55-उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जायेगा
11.50 -कृषि का विकास सरकार की प्राथमिकता
11.45 – सरकारपूर्ण विकसित बिहार के लिए काम कर रही है.
11.43- बिजली की उपलब्धता में व्यापक सुधार हुआ है. बिजली आपूर्ति में भी गुणात्मक सुधार हुआ है.
11.41 अपराध और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार काम कर रही है.
11.40-राज्य में सरकारी अस्पतालों को आधुनिक बनाया जा रहा है.
11.37 – इस वर्ष 1000 नये माध्यमिक विद्यालय खोले जायेंगे.
11.36- प्राथमिक विद्यालयों को उत्क्रमित किया जायेगा.
11.35 -नये प्राथमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को खोला जायेगा, साथ ही ड्रॉप आउट को रोकने की भी योजना है.
11.33 निगरानी विभाग की सक्रियता बढ़ी है.
11.32- भ्रष्टाचार मिटाने के लिए सरकार ने कई कड़े कदम उठाये हैं.
11.30- कानून व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार संकल्पित
11.28- समर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास की व्यवस्था की गयी है.
11.27 पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ायी जायेगी.
11.25 -विधानसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने समावेशी विकास की बात कही.
पटना: बिहार के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे हैं. अभिभाषण के बाद सदन में विश्वासमत प्रस्ताव पेश किया जायेगा. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी सरकार के लिए विश्वासमत हासिल करेंगे. इसको लेकर मंगलवार की शाम सात सकरुलर रोड स्थित नीतीश कुमार के आवास पर जदयू, राजद व कांग्रेस के विधायकों के साथ विचार-विमर्श किया गया व रणनीति को अंतिम रूप दिया गया. वहीं भाजपा विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को माकूल जवाब देने की रणनीति पर चर्चा की गयी.
अभिभाषण के बाद तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा में विश्वासमत का प्रस्ताव पेश करेंगे. फिर इस चर्चा शुरू होगी. इस दौरान प्रमुख दलों को अपनी बात रखने का समय आवंटित किया गया है. सत्ताधारी दल जदयू विश्वासमत के प्रस्ताव पर सरकार के जवाब के बाद सदन में बहुमत साबित करने के लिए अपने समर्थक विधायकों की गिनती कराने के लिए तैयार होगा. हालांकि, इस संबंध में विधानसभाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर सदन में मतदान भी कराया जा सकता है. मतदान की नौबत आने की संभावना के मद्देनजर जदयू ने अपने सभी 110 विधायकों को ह्वीप जारी किया है. ह्वीप का प्रभाव सदन में असंबद्ध घोषित किये गये पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और उनके समर्थक विधायकों पर भी लागू होगा. जदयू के साथ ही राजद और कांग्रेस ने भी ह्वीप जारी कर विश्वासमत के दौरान अपने सदस्यों को सदन में मौजूद रहने को कहा है. इसके पहले विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने सत्र के सुचारु रूप से चलने देने के लिए दलीय नेताओं की बैठक भी की. उन्होंने बताया कि सदन में बैठने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की सीट जदयू सदस्यों के इर्द-गिर्द ही की गयी है.
ह्वीप सब पर लागू : श्रवण
इधर जदयू के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार ने कहा कि 11 मार्च को विधानसभा में विश्वासमत के प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने के लिए पार्टी ने तीन लाइन का ह्वीप जारी किया है. इसकी सूचना सभी 110 जदयू विधायकों को भेज दी गयी है. उन्होंने कहा कि ह्वीप का पालन करना सभी सदस्यों के लिए जरूरी है और इसका प्रभाव सभी सदस्यों पर लागू होगा.
मालूम हो कि 20 फरवरी को विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने के पहले ही तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया था. इसके बाद राज्यपाल ने नीतीश कुमार को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था और तीन सप्ताह यानी 16 मार्च के पहले तक सदन में बहुमत साबित करने को कहा था. नीतीश कुमार ने 22 फरवरी को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
विस में दलीय स्थिति
दल सदस्य
जदयू(स्पीकर समेत) 111
भाजपा 87
राजद 24
कांग्रेस 05
भाकपा 01
निर्दलीय 05
कुल 233
नोट: जदयू के आठ सदस्यों की सदस्यता समाप्त कर दी गयी है, जबकि भाजपा के एक सदस्य के निधन होने और निर्दलीय सोम प्रकाश की सदस्यता खत्म हो जाने से कुल 10 सीट रिक्त हैं.